24 दिसंबर 2025, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की वित्त समिति की बैठक कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए नए शैक्षणिक पदों के सृजन, विकास समिति के करीब 9 करोड़ के प्रस्तावों के अनुमोदन, एम.फार्मा एवं एम.टेक जैसे पाठ्यक्रमों की फीस संरचना निर्धारण तथा स्ववित्तपोषित पीएचडी प्रैक्टिकल एवं नॉन-प्रैक्टिकल विषयों की फीस संरचना के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
नए शैक्षणिक पदों का सृजन
वित्त समिति ने सहायक आचार्य (संविदा) के 28 नए पदों तथा सहयुक्त आचार्य (संविदा) के 4 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक आचार्य (संविदा) की कुल संख्या 175, सहयुक्त आचार्य (संविदा) की संख्या 21 तथा आचार्य/पब्लिक निदेशक की संख्या 3 हो गई है।
विषय विशेषज्ञों के मानदेय में वृद्धि
कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में वित्त समिति ने कृषि इंजीनियरिंग, फार्मेसी एवं होटल मैनेजमेंट में कार्यरत विषय विशेषज्ञों के मानदेय में महत्वपूर्ण वृद्धि को स्वीकृति दी है।
अब इन्हें ₹600 प्रति व्याख्यान (अधिकतम ₹31,000 प्रति माह) के स्थान पर ₹750 प्रति व्याख्यान (अधिकतम ₹40,000 प्रति माह) दिया जाएगा। इससे विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण एवं दक्ष विषय विशेषज्ञों को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी।
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संविदा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि
वित्त समिति ने स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर (संविदा) के वेतन में 3 प्रतिशत वृद्धि का निर्णय लिया है, जो 1 जुलाई, 2026 से प्रभावी होगा।
साथ ही जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 3 वर्ष से अधिक हो चुकी है, उन्हें 6 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।
नए पाठ्यक्रमों की फीस तय
वित्त समिति ने एम.फार्मा एवं एम.टेक जैसे पाठ्यक्रमों की फीस संरचना निर्धारण तथा स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में शुरू होने वाले पीएचडी प्रैक्टिकल एवं नॉन-प्रैक्टिकल विषयों की फीस संरचना को अपनी मजूरी दे दी।
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तकनीकी एवं प्लेसमेंट पदों के अनुमोदन
वित्त समिति ने जूनियर इंजीनियर (सिविल एवं इलेक्ट्रिकल) के चार पदों तथा एक पद प्लेसमेंट ऑफिसर को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दी है। बैठक के अंत में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि इन निर्णयों से न केवल शैक्षणिक ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण एवं छात्र-हित में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।













































