लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी नवनीत कुमार सहगल (Navneet Kumar Sehgal) ने मीडिया पोर्टल न्यूजलॉन्ड्री (Newslaundry) को कानूनी नोटिस भेजा है। सहगल ने नोटिस में 23 दिसंबर 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट को ‘भ्रामक, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया है। उनके अनुसार यह खबर उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है।
न्यूज़लॉन्ड्री की खबर

न्यूज़लॉन्ड्री की खबर में दावा किया गया, यह रिपोर्ट आयकर विभाग द्वारा तैयार की गई एक गोपनीय जांच रिपोर्ट पर आधारित है। इनकम टैक्स विभाग ने 2022 में एक गोपनीय जांच के दौरान उत्तर प्रदेश की सरकारी योजनाओं में लगभग 112 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया। इस रिपोर्ट में नवनीत सहगल को इस कथित कट मनी प्रणाली का सबसे बड़ा लाभार्थी बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच सहगल ने विभिन्न पदों जैसे कि अपर मुख्य सचिव, आईईडी और यूपीआईकॉन के चेयरमैन रहते हुए 24 करोड़ रुपये से अधिक की कट मनी प्राप्त की। इसमें नकद ट्रांसफर, महंगे गिफ्ट्स, शेल कंपनी के जरिए संपत्ति लेन-देन और उनके बेटे की कंपनी में 21 करोड़ रुपये के निवेश का जिक्र था।
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सहगल का पक्ष
नवनीत सहगल ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि खबर पूरी तरह झूठी और भ्रामक है और इसे किसी एजेंडा के तहत प्रकाशित किया गया। उन्होंने न्यूजलॉन्ड्री से मांग की है कि खबर तुरंत हटाई जाए, सार्वजनिक माफी मांगी जाए और भविष्य में ऐसी सामग्री न प्रकाशित की जाए। अन्यथा, वे मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
35 साल की प्रशासकीय सेवा और मजबूत छवि
1988 बैच के यूपी कैडर के आईएएस नवनीत सहगल ने प्रशासनिक सेवा में तीन दशकों से अधिक समय तक महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। सहरानपुर में प्रशिक्षण से अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत करने वाले नवनीत सहगल की पोस्टिंग लखनऊ के डीएम और कई अन्य महत्वपूर्ण पदों तक पहुँची। मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ की तीनों सरकारों में उनका प्रभाव और पकड़ समान रूप से मजबूत रही। मायावती के सचिव से लेकर अखिलेश सरकार में वरिष्ठ अधिकारी और योगी सरकार में प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सूचना) तक, सहगल हमेशा सत्ता के केंद्र में बने रहे।













































