यूपी एटीएस ने धर्म परिवर्तन कर हिंदुओं को मुसलमान बनाने वाले जिस गिरोह का पर्दाफाश किया है, उसने कानपुर (Kanpur) के काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले के मूक-बधिर युवक आदित्य गुप्ता (Aditya Gupta) को भी अपने चंगुल में फंसा लिया था। करीब तीन महीने से अधिक समय से गायब आदित्य गुप्ता अचानक रविवार को वापस घर लौट आया। घर लौटने के बाद वह ज्यादा कुछ नहीं बता रही है लेकिन उसके परिजनों ने बेटे के अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) बनने की जो कहानी शेयर की, वह हैरान कर देने वाली है।
केरल के लोगों से संपर्क में था आदित्य
मिली जानकारी के अनुसार, 24 साल का आदित्य बचपन से ही मूक-बधिर है। वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। उसके पिता राकेश कुमार गुप्ता पेशे से वकील हैं और मां लक्ष्मी गुप्ता ज्योति मूक-बधिर विद्यालय बिठूर में टीचर हैं। मां ने बेटे को देखते हुए मूक-बधिरों की भाषा सीखने का फैसला लिया ताकि वह उससे भावनात्मक रूप से जुड़ी रहें। परिवार में आदित्य सहित 2 बेटे और एक बेटी है।
मार्च 2020 में जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा तब आदित्य अपने घर पर ही रहने लगा। इस दौरान वह वाट्सएप वीडियो कॉल से मूक-बधिर बच्चों से संपर्क करने लगा। धीरे-धीरे मोबाइल ही उसका साथी बन गया। कई बार आदित्य रात को चुपके से घर से बाहर बातें करने चला जाता। परिजन पूछते तो वह बताता कि उसने मोबाइल पर इंडोनेशिया, जापान, चीन और यूएसए के बच्चों से दोस्ती कर ली है। तब तक परिजनों को कुछ भी पता नहीं था।
परिजनों ने बताया कि जब रमजान का महीना शुरू हुआ तो देखा कि बेटे ने खाना-पीना छोड़ दिया है। वह सूरज डूबने के बाद ही खाना खाता है। तब पहली बार उन्हें शक हुआ। पूछने पर बड़ी चालाकी से आदित्य ने बताया कि वह प्रेक्टिकल कर रहा है कि क्या वह भी ऐसा कर सकता है। इसी दौरान यह भी पता चला कि वह उर्दू सीख रहा है। ऐसे में उन्होंने उसका मोबाइल खंगालना शुरू कर दिया। जिन नंबरों से वाट्सएप काल करता था, उनके बारे में ट्रू कॉलर से खंगाला तो पता चला कि वह केरल के लोगों के संपर्क में है।
मुस्लिम दोस्त के संपर्क में आने के बाद बदला आदित्य का मन
वह वहां के मुस्लिम चरमपंथियों के बारे में मीडिया में पढ़ती व सुनती थीं, इसलिए चिंता हुई। आदित्य पर निगाह रखनी शुरू की तो मुस्लिम मत के प्रति उसका झुकाव सामने आया। दिन में पांच वक्त नमाज अदा करता था। जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकारा कि वह मुस्लिम धर्म अपनाना चाहता है। मां ने बताया कि बेटे के पास नोएडा डीफ सोसाइटी का एक शिक्षक आया था। वह बच्चों को मुस्लिम मत के बारे में बताया था, जिसकी शिकायत हुई।
परिजनों के मुताबिक, चार साल पहले चमनगंज निवासी मूक-बधिर मुस्लिम दोस्त के संपर्क में आने के बाद भी उसका मन बदला। 10 मार्च को अपने शैक्षिक दस्तावेज और कुछ कपड़े लेकर वह घर से गायब हो गया। कुछ दिनों पहले फेसबुक मैसेंजर के जरिए उससे बातचीत हुई और 20 जून सुबह नौ बजे अचानक अपना सामान लेकर घर आ गया, तब पता चला कि वह केरल में रहा।
पिता ने कल्याणपुर थाने में दर्ज कराई थी आदित्य के गुमशुदगी की रिपोर्ट
आदित्य के पिता ने बताया कि उन्होंने अक्टूबर, 2020 को आदित्य से मोबाइल छीन लिया और सिम तोड़कर फेंक दिया। इस प्रकरण में केरल के चरमपंथी जुड़े हुए थे, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, एसएसपी कार्यालय, कल्याणपुर थाने में भी शिकायत दर्ज कराई। बताया कि उनका बेटा मुस्लिम चरमपंथियों के चंगुल में फंसा है। कल्याणपुर पुलिस ने बेटे और उनको बुलाया।
उन्होंने डराया धमकाया तो बेटे ने भी सुधरने का वादा कर लिया। इसके बाद उन्होंने उसे दोबारा से फोन दे दिया। कुछ दिनों में ही आदित्य पुराने साथियों के साथ फिर जुड़ गया। उसके लापता होने के बाद भी मां ने कल्याणपुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन कानपुर पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
इस्लामिक दावाह सेंटर से जारी धर्मांतरण का मिला प्रमाण पत्र
मां के मुताबिक, आदित्य 10 मार्च को घर छोड़ कर गया तो मोबाइल घर पर रख गया था। हालांकि, उसने सारा डाटा डिलीट कर दिया था, मगर टेलीग्राम की वीडियो कालिंग की हिस्ट्री डिलीट नहीं थी। उससे ही उन्हेंं कुछ वीडियो और मोबाइल नंबर प्राप्त हुए। इससे साफ हुआ कि चरमपंथियों ने आदित्य का खूब ब्रेनवाश किया। धर्म परिवर्तन का प्रमाणपत्र भी मिला, जो 14 जनवरी, 2021 को इस्लामिक दावाह सेंटर से जारी हुआ था। इसी से पता चला कि उसने अपना नाम बदलकर अब्दुल कादिर रख लिया है।
मां ने बताया कि आदित्य उनकी बीमारी की बात सुनकर लौटा है। आदित्य भले ही घर लौट आया है, लेकिन उसकी चाल-ढाल अभी भी संदिग्ध है। रविवार रात जब पूरा घर सो रहा था तो आदित्य ने मां का मोबाइल लिया और अपने से जुड़ा सारा डाटा डिलीट कर दिया। मोबाइल पर आदित्य के कई चरमपंथी साथियों के नंबर, फोटोग्राफ, वाट्सएप चैटिंग के स्क्रीन शाट, वीडियो थे।
लखनऊ से 2 मौलाना गिरफ्तार, मिले आईएसआई से लिंक
बता दें कि यूपी एटीएस ने मूक बधिरों और गरीबों का धर्म परिवर्तन करने वाले गिरोह का सोमवार को पर्दाफाश किया। एटीएस ने इस गिरोह के 2 सदस्यों दिल्ली निवासी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि यह गिरोह मूक बधिर और कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार करता था। इन्हें आईएसआई समेत अन्य विदेशी एजेंसियों से फंडिंग की जा रही थी। अब तक करीब एक हजार लोगों का यह गिरोह धर्मांतरण कर चुका है। उनके कब्जे से विदेशी फंड से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
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