खुद कटवा दी थी मुस्लिम बुजर्ग की दाढ़ी ताकि मामले को सांप्रदायिक रंग देकर सपा को दिलाई जा सके सत्ता, उम्मेद पहलवान के कबूलाने से पुलिस भी हैरान

गाज़ियाबाद के लोनी (Ghaziabad Loni) मामले में साजिश के आरोपी सपा नेता उम्मेद पहलवान (SP Leader Ummed Pahalwan) ने पुलिस हिरासत में बेहद हैान कर देने वालीं बातें बताईं हैं. पुलिस के मुताबिक सपा नेता ने बताया कि उसने मारपीट के मामले को सांप्रदायिक रंग दिया क्योंकि उसे सत्ता चाहिए थी, वह एक बतौर कट्टर मुस्लिम नेता अपनी छवि बनाना चाहता था. उम्मेद चाहता था कि समाजवादी पार्टी यूपी की सत्ता में आए और उसे कोई बड़ी जिम्मेदारी मिले. यह बातें सपा नेता ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कहीं. आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.


पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उम्मेद पहलवान ने शुरू में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. पहले वह बता रहा था कि उसे बुजुर्ग ने जितना बताया, उसी को फेसबुक लाइव में कहा था. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की तो आरोपी ने पूरी वारदात कबूल कर ली. उम्मेद ने बताया कि बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट को उसने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की.


चुनाव में लाभ के लिए मामले को दिया सांप्रदायिक रंग

आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि बुजुर्ग के साथ मारपीट की वारदात पांच जून को हुई थी. छह जून को एक पार्षद ने उन्हें बुलाकर पीड़ित की मदद के लिए कहा था. उसी समय उसने तय कर लिया कि इस वारदात को राजनीतिक रंग देकर सनसनीखेज बनाना है. जिसका लाभ उसे और उसकी पार्टी को आगामी चुनावों में मिल सके. इसलिए आरोपी ने तत्काल पीड़ित को समझा दिया कि उसे आरोपियों के नाम नहीं बताने हैं और उन्हें लेकर लोनी बॉर्डर थाने पहुंच गया. चूंकि उस दिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो आरोपी ने अगले दिन थाने के बाहर से फेसबुक लाइव किया. इसके बाद लोनी बॉर्डर कोतवाली पुलिस ने मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.


खुद ही कटवाई बुजर्ग की दाढ़ी

पुलिस के मुताबिक 5 जून को बुजुर्ग से हुई मारपीट की वारदात में उमेद पहलवान की कोई भूमिका नहीं है. उसे मामले की जानकारी 6 जून को हुई. पूछताछ में उम्मेद ने बताया कि उसने मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए खुद ही पीड़ित बुजुर्ग की दाढ़ी कटवा दी और सभी आरोपियों की पहचान ज्ञात होने के बावजूद पुलिस में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दिलाई. इस खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में धोखाधड़ी और कूट रचना की धारा बढ़ा दी है.


गिरफ्तारी से पहले बुजर्ग से बनवाना चाहता था शपथ पत्र

जानकारी के अनुसार पुलिस की घेराबंदी बढ़ते देख सपा नेता ने एक बड़ा खेल करने का प्रयास किया. इसमें आरोपी ने सबसे पहले पीड़ित बुजुर्ग और उनके बेटे को अपने साथ ले लिया और उनसे एक नोटरी शपथ पत्र बनवाने का प्रयास कर रहा था. इस शपथ पत्र पर लिखवाना था कि फेसबुक लाइव में जो भी कहा गया उसमें आरोपी की कोई भूमिका नहीं है. इस शपथ पत्र के तैयार होते ही आरोपी को अदालत में सरेंडर कर देना था, लेकिन इससे ठीक पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि खुद को बचाने के लिए बुजुर्ग को मीडिया की नजर से भी दूर रख रखा था.


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