मुकेश कुमार,संवाददाता गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), गोरखपुर द्वारा आयोजित 7वें जन औषधि दिवस सप्ताह समारोह का समापन एक प्रभावशाली पैनल चर्चा और समापन समारोह के साथ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन फार्माकोलॉजी एवं थेरेप्यूटिक्स विभाग द्वारा किया गया।
पैनल चर्चा का विषय “जेनेरिक बनाम ब्रांडेड दवाइयां: चिकित्सकीय एवं फार्माकोलॉजिकल दृष्टिकोण” रहा, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। पैनलिस्ट के रूप में फार्माकोलॉजी विभाग से डॉ. हीरालाल भल्ल, बाल रोग विभाग से डॉ. मनीष, सर्जरी विभाग से डॉ. रवि, अस्थि रोग विभाग से डॉ. राजानंद, और त्वचा रोग विभाग से डॉ. शिवांगी ने भाग लिया।
चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता, प्रभावशीलता एवं किफायती उपलब्धता पर विस्तृत चर्चा की और जन औषधि योजना के महत्व को रेखांकित किया। सभी सदस्यों ने कहा कि जेनेरिक दवाओं की प्रभावकारिता और सुरक्षा के बारे में पर्याप्त शोध डेटा उपलब्ध नहीं है, इसलिए भारत में शोध को बढ़ावा देकर इस डेटा का निर्माण किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज ने अपनी समापन टिप्पणी प्रस्तुत की। उन्होंने जन औषधि केंद्रों के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि यह योजना मरीजों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां किफायती दरों पर उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी पैनलिस्ट, आयोजकों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।
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इस अवसर पर संस्थान के कार्यकारी निदेशक (ED) मेजर जनरल ने भी कार्यक्रम की सराहना की और इसे स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ एवं किफायती बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि जन औषधि योजना का प्रभाव केवल लागत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने में भी सहायक है।
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समारोह में संस्थान के संकाय सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्सिंग अधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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