उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला जो कि सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है, यहां एक बुजुर्ग महिला की भूख की वजह से मौत हो गई। उस बुजुर्ग महिला की गलती सिर्फ इतनी थी, कि उसका आधार कार्ड वेरिफाई नहीं हो पा रहा था। इसलिए कोटेदार ने महिला को राशन देने से मना कर दिया। जिसके बाद वो बुजुर्ग महिला भूख की भेट चढ़ गई।
पांच दिसंबर से राशन के लिए चक्कर लगा रही थी बुजुर्ग महिला
पूरा मामला डलमऊ तहसील का बताया जा रहा है, जहां आधार कार्ड वेरिफाई नहीं होने पर कोटेदार ने महिला को राशन देने से साफ मना कर दिया था और भूख से परेशान कुरौली दमा गांव की पूरे भवान मजरे में रहने वाली 70 वर्षीय सरयू देवी की 29 दिसंबर को मौत हो गई। हालांकि, स्थानीय प्रशासन भूख से मौत होने की बात से इंकार कर रहा है।
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सूत्रों ने बताया है कि मृतक 70 वर्षीय सरयू देवी अकेली रहती थी और दाने-दाने की मोहताज थी। सरयू देवी पांच दिसंबर से राशन की दुकान के चक्कर लगा रही थीं। जानकारी के मुताबिक, कई बार कोटेदार की दुकान के चक्कर लगाने के बाद भी ई पोस मशीन का आधार कार्ड वेरिफिकेशन फेल बताकर उसे रासन देने से मना कर दिया गया।
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मिली जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग महिला आखिरी बार 28 दिसंबर को फिर कोटेदार के पास पहुंची तो कोटेदार ने उसके आधार कार्ड में गड़बड़ी का हवाला देते हुए उसे सही करवाने के लिए लखनऊ जाने को बोल दिया। कोटेदार की ये बात सुनकर बुजुर्ग सरयू देवी मौके पर गिर गईं, जिन्हें आसपास के लोगों ने उठाकर घर पहुंचाया। लेकिन अगले ही दिन बुजुर्ग महिला की मौत हो गई।
मरने के बाद पहुंचाया गया बोरे भरकर अनाज
जानकारी के मुताबिक, काननून ऐसा नहीं किया जा सकता और आधार वेरिफिकेशन फेल होने के बाद भी किसी को राशन देने से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं, अब सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता का मामला भी सामने आया है।
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सूत्रों ने बताया है कि बुजुर्ग महिला की मौत के बाद सरकारी वितरण केंद्र से उसके घर पर बोरे भरकर अनाज भिजवाया गया है। वहीं, डलमऊ एसडीएम जीत लाल सैनी ने बताया है कि मृतक के घर में किसी चीज की कमी नहीं मिली, सभी तरह की खाद्य सामग्री उपलब्ध थी।
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