उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) जनपद में तीन युवकों को छात्राओं को सरेराह छेड़ना भारी पड़ गया, लोगों ने एक शोहदे को दबोच लिया और फिर जमकर धुनाई की। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, थाने में पूछताछ में तीन युवकों की असलियत जानकर पुलिस भी हैरान हो गई। खुद को समीर यादव बताने वाले शोहदे का असली नाम समीर खान (Samir Khan) है। वहीं, फरार शोहदों के नाम मेराज और साहबे आलम है।
मिली जानकारी के अनुसार, छात्राएं ई-रिक्शा से स्कूल जा रही थीं, तभी रास्ते में बाइक सवार तीन युवकों ने उनसे अभद्रता की। उन्होंने एक छात्रा का हाथ पकड़कर उसे रिक्शे से उतारने की कोशिश की। इन युवकों ने दोनों छात्राओं के कपड़े फाड़ दिए। जब रिक्शा चालक ने इसका विरोध किया तो युवकों ने उसकी पिटाई कर दी। इसी जानकारी होने पर छात्राओं के परिजन मौके पर पहुंच गए।
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वहीं, स्थानीय लोगों से खुद को घिरता देख 2 शोहदे भाग निकले, लेकिन एक शोहदे को लोगों ने दबोच लिया और फिर उसकी जमकर पिटाई की। शोहदे ने लोगों से अपना नाम समीर यादव बताया, लेकिन जब उसे कोतवाली नगर लाकर पूछताछ की गई तो उसने अपना असली नाम समीर खान बताया। यह सुनकर छात्राओं के परिजनों ही नहीं पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए। शोहदे ने अपना पता भी गलत बताया था।
उसने पहले खुद को वजीरगंज का निवासी बताया, लेकिन बाद में उसका पता नेवातीपुरा का निकला, जो वजीरगंज से काफी दूर है। यह घटना गुरुवार को साहबगंज अंबेडकर पार्क के पास की है। दोनों छात्राएं एक इंटर कालेज में पढ़ती है। जानकारी होने के बाद छात्राओं के मुहल्ले के लोग बड़ी संख्या में कोतवाली नगर पहुंच गए हैं। पीड़ित परिवार ने फरार हुए युवकों के साथ ही पकड़े गए युवक पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
आरोपी ने पहल तो फरार हुए युवकों का नाम अतुल कुमार और मोनू मिश्रा का नाम बताया, लेकिन बाद में उनका असली नाम मेराज और साहबे आलम सामने आया। वरिष्ठ उपनिरीक्षक ओम प्रकाश ने बताया कि फरार हुए युवक का नाम साहबे आलम और मेराज है। अभी तक कि जांच में सामने आया है कि युवक मुस्लिम समुदाय के हैं, जिन्होंने ने अपना हिंदू नाम बताकर गुमराह किया है। तहरीर में नाम बदला जा रहा है।
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