उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा (Agra) से एक बड़ा खुलासा हुआ है. जहां एक बांग्लादेशी परिवार (Bangladeshi Family) अवैध रूप से काफी सालों से रह रहा था. ये पूरा परिवार कूड़ा बीनने का काम करता था और पैसे लेकर लोगों को बॉर्डर (Border) पार करवाता था. पुलिस को शक होने पर पूरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही इन पर विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया. बता दें इनमें पति-पत्नी और बेटा शामिल हैं. जो कि अवैध रूप से भारत (India) में बिना वीजा और पासपोर्ट के रह रहे थे.
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बता दें आगरा की थाना सदर बाजार पुलिस ने बांग्लादेश के 3 नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये सब कूड़ा-कबाड़ा बीनकर अपने परिवार को पाल रहे थे. थाना सदर के प्रभारी निरीक्षक कमलेश सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में डोनार उर्फ सईदुल इस्लाम, रविबुल और मुनारा बेगम हैं. डोनार बरानदी, था अभोईपुर, जसर, बांग्लादेश का रहने वाला है. वो रोहता नहर के पास झोपड़ी डालकर रह रहे थे. गोपनीय सूचना पर पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया.
वहीं, पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि बांग्लादेश के इकबाल और नुरुल 10 हजार रुपये में बॉर्डर पार कराते हैं, वहीं लोग पर्ची देते हैं. रास्ते में उनके लोग सक्रिय रहते हैं. वह रास्ता दिखाते हैं. एक बार बार्डर पार करने के बाद कोई कागजात नहीं चेक करता है. साथ ही डोनार उर्फ सईदुल इस्लाम ने बताया कि वो, उसकी पत्नी और बेटा कूड़ा और प्लास्टिक बीनने का काम कर रहे थे. एक बेटा तबी भी यहीं रहता था. मगर, वो कुछ समय पहले बांग्लादेश चला गया. वो भी जाना चाहते हैं. मगर, पैसा नहीं है. इस वजह से नहीं जा सके. उनके पास वीजा और पासपोर्ट भी नहीं है. उसकी बेटी लीला शादी करके ग्वालियर में रह रही है.
वहीं, सईदुल के पास से एक मोबाइल मिला है, उसमें सिम नहीं था. इस मामले में एसआई प्रशांत यादव ने विदेशी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया है. आरोपी डोनार उर्फ सईदुल इस्लाम ने बताया कि वो 12 साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत आया था. कोलकाता में कुछ समय रुकने के बाद धौलपुर में आ गया और यहां से आगरा पहुंचा. 5 साल पहले सदर के वेद नगर में रहते हैं. मगर, यहां धर्मांतरण का हल्ला मच गया था.
इसके बाद पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे कई बांग्लादेशी लोगों को पकड़ लिया था और कई भाग गए थे. उसने अपना आधार कार्ड बनवा लिया. मगर, पुलिस को नहीं मिला. उसने बताया कि एक दिन झोपड़ी में आग लगने की वजह से आधार कार्ड भी जल गया. मगर, बांग्लादेश जाने के रास्ते की जानकारी वाली पर्ची उसकी जेब में रखी थी, इस कारण बच गया. उसके अलावा 20 से अधिक लोग यहां रह रहे हैं.
इससे पहले अक्टूबर 2018 में सिकंदरा पुलिस ने रुनकता में बांग्लादेशी नागरिक सईदुल गाजी, उसकी पत्नी रतना और बेटे शमीम को पकड़ा था. वो अवैध रूप से भारत में आकर रह रहे थे और उन्हें जेल भेजा गया था. वह भी कबाड़ी का कारोबार कर रहा था, उसने आधार कार्ड भी बनवा लिया था. इससे सदर के वेद नगर में बांग्लादेशी पकड़े गए थे.
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