बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. लोकसभा चुनाव में कई विधायकों के सांसद बनने के बाद अब हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार में जेडीयू कोटे से 8 नए मंत्री बनाए गए हैं. अहम बात यह कि लोकसभा चुनाव के बाद हुए इस कैबिनेट विस्तार में बीजेपी और एलजेपी कोटे से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है. बता दें कि केंद्र में जेडीयू कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से ही यह कयास शुरू हो गया था कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान बीजेपी कोटे से भी किसी को मंत्री नहीं बनाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जेडीयू के 8 विधायकों को मंत्री बनाया. इनमें नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं. इस बाबत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को इसकी जानकारी दी और रविवार सुबह 11. 30 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई.
केंद्रीय कैबिनेट के गठन के बाद बिहार में नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार काफी अहम माना जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार में जेडीयू को कोई मंत्री पद नहीं मिला है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जेडीयू के तीन सांसदों को मंत्री बनवाना चाहते थे लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई और शपथ ग्रहण से ऐन वक्त पहले जेडीयू ने मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया.
नीतीश के नए मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी नेताओं को जगह नहीं मिली है. इसके बारे में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कैबिनेट विस्तार से पहले नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपने पद भरने की बात कही थी लेकिन बीजेपी ने भविष्य में ऐसा करने का फैसला किया है.
हाल ही में जेडीयू ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को भी लेकर हवा देनी शुरू कर दी है, जिसे राजनीति को लोग दबाव की राजनीति से भी जोड़कर देख रहे हैं. संविधान की धारा 370 हटाने की बात हो या अयोध्या में राम मंदिर निर्माण या तीन तलाक और समान नागरिक कानून हो, इन सभी मामलों में जेडीयू का रुख बीजेपी से अलग रहा है. जेडीयू इन मामलों को लेकर कई बार स्पष्ट राय भी दे चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि पार्टी में सबकी राय है कि केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में भी गठबंधन की पहले भी और आज भी सरकार चल रही है. पहले ही सभी कुछ यहां तक कि मंत्रालय भी तय हो जाते हैं.
बीजेपी और एलजेपी कोटे से किसी को मौका नहीं
इस मंत्रिपरिषद विस्तार में बीजेपी और एलजेपी से किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है. हालांकि जेडीयू के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी गठबंधन में ‘छोटा भाई, बड़ा भाई’ की सोच के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी केंद्र सरकार में जेडीयू के सदस्यों को शामिल करने पर ‘संतोषजनक ऑफर’ देती है तो उनकी पार्टी इस पर विचार करेगी.
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