उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के आदेश पर नोएडा (Noida) के डिप्टी लेबर कमिश्नर (Deputy Labour Commissioner) समेत दो अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनके खिलाफ जापानी कंपनी से रिश्वत लेने की शासन से शिकायत की गई थी। जिसके बाद मामले की जांच कराई गई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद डिप्टी लेबर कमिश्नर डीके सिंह और लेबर इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार सिन्हा पर कार्रवाई की गई है।
ईमेल के जरिए मिली थी वसूली की शिकायत
सूत्रों ने बताया कि यूकीनोरी काबे, निदेशक, सीको एडवांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने ईमेल के माध्यम से यूपी सरकार से शिकायत की गई थी। शिकायत में बताया गया कि डिप्टी लेबर कमिश्नर और उनके सहयोगी पैसा वसूल करने के लिए अनाधिकृत रूप से दबाव बना रहे हैं। यह लोग पूर्व में भी कंपनी से वसूली करते रहे हैं।
9 जनवरी को की गई शिकायत के बाद कानपुर में तैनात अफसरों से इस पूरे मामले की जांच कराई गई। अपर श्रमायुक्त दिलीप कुमार सिंह उप श्रम आयुक्त आरपी गुप्ता की संयुक्त जांच में नोएडा में तैनात डिप्टी लेबर कमिश्नर धर्मेंद्र कुमार सिंह पर शिथिलता बरतने का आरोप सही पाया गया।
जांच के बाद सीएम योगी ने नोएडा के डिप्टी लेबर कमिश्नर डीके सिंह पर कार्रवाई करने के साथ ही मिलने वाले भक्तों पर रोक लगा दी गई। जांच में यह पाया गया कि विदेशी निवेशकों को धर्मेंद्र कुमार सिंह के द्वारा तय समय पर समय न देकर उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया, जिससे सरकार विभाग की छवि धूमिल हुई। यही नहीं, उनके साथ तैनात लेबर इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार सिन्हा पर वसूली किए जाने की भी बात सामने आई है, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उद्यमियों, निवेशक और कारोबारियों को परेशान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी ने किसी भी उद्यमी का काम रोकने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य राज्य में उद्योगों और निवेशकों को साफ-सुथरा माहौल उपलब्ध करवाना है। इस अभियान के आड़े आने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।
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