उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम (Shahnawaz Alam) को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया गया है. उनके ऊपर सीएए और एनआरसी (CAA and NRC) के खिलाफ एक खास वर्ग को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगा है, जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है. प्रियंका गांधी औऱ कांग्रेस गिरफ्तारी को लेकर आगबगूला हैं. प्रियंका इसे दमनकारी और अलोकतांत्रिक बता रहीं तो कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है. इतना ही नहीं शाहनवाज की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है.
शाहनवाज आलम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. उनपर राजनीतिक हिंसा समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं. शाहनवाज आलम रिहाई मंच नाम का एक संगठन चलाता था जो बाटला एनकाउंटर में शामिल रहे आतंकियों से लेकर लखनऊ के सीरियल धमाकों में शामिल उन खूंखार आतंकियों तक की मदद करता था जिन्हें बाद में अदालतों तक से सजा हुई.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते साल लखनऊ में परिवर्तन चौक समेत तमाम जगहों पर हुई हिंसा में पुलिस को शाहनवाज आलम के सक्रिय भागीदारी के पुख्ता प्रमाण मिले हैं. सोशल मीडिया के जरिए भी इसने हिंसा भड़काने की पूरी भूमिका अदा की. जिसके परिणामस्वरूप लखनऊ समेत तमाम जगहों पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया, पुलिस और निर्दोषों पर हमले हुए. इस हिंसा को लेकर शाहनवाज के खिलाफ लखनऊ के कई थानों में मुकदमा दर्ज हैं.
लखनऊ सेंट्रल के डीसीपी दिनेश सिंह के मुताबिक सीएए प्रदर्शन के दौरान शाहनवाज आलम ने हिंसा भड़काई. जिसको लेकर पुलिस ने काफी सारे साक्ष्य इकट्ठा किये हैं. पुलिस अपनी तरफ से तैयार है और वो इस मामले में किसी तरह की राजनीति की इजाजत नहीं देगी.
शाहनवाज आलम की लखनऊ पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी से कांग्रेस पार्टी भड़की हुई है. सोशल मीडिया पर गिरफ्तारी का CCTV फुटेज वायरल किया जा रहा है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि सादे लिबास में पुलिस ने शाहनवाज को उसके घऱ से उठाया. इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों सहित हज़रतगंज कोतवाली पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई और आखिरकार पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
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