कांग्रेस सांसद इमरान मसूद (Imran Masood) ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी को सिर्फ ‘दरी बिछाने वाला मुसलमान’ चाहिए। उन्होंने सपा पर मुस्लिम समुदाय के मुद्दों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया और कहा कि जब-जब मुसलमान आवाज उठाते हैं, उन्हें बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ कहकर चुप कराने की कोशिश होती है। इमरान मसूद ने कहा, ‘हमें स्लीपर सेल बताना आसान है क्योंकि आपको बोलता हुआ मुसलमान बर्दाश्त नहीं होता। जब हम अपनी पार्टी और समुदाय के हक की बात करते हैं, तो आप हम पर सीधे हमले करने लगते हैं।’
आजम, इरफान और वक्फ मुद्दों पर सपा की चुप्पी पर सवाल
मसूद ने सपा की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘आजम खान की बर्बादी, इरफान सोलंकी का उत्पीड़न, कादिर राणा का जेल जाना, वक्फ बोर्ड पर हमला – इन मुद्दों पर सपा नेताओं की जुबान क्यों नहीं खुलती? क्या मुसलमान सिर्फ आपकी कालीन बिछाने के लिए हैं?’ उन्होंने बहराइच में सालार गाजी की दरगाह और संभल में नेजा मेले को लेकर भी सपा की चुप्पी पर नाराजगी जताई।
राजीव राय के आरोप पर पलटवार
सपा सांसद राजीव राय द्वारा इमरान मसूद को बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ बताए जाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी। मसूद ने कहा, ‘मैं बीजेपी का स्लीपर सेल क्यों बनूंगा? अगर मैं मुसलमानों के हक की बात करूं तो आप मुझे बीजेपी एजेंट बता देंगे? ये मुसलमानों की आवाज को दबाने की साजिश है।’
हम भिखारी नहीं, बराबरी की बात होगी
इमरान मसूद ने सपा के PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फार्मूले पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘अखिलेश यादव के PDA में मुसलमान कहां हैं? हमें सिर्फ वोट बैंक समझा जाता है, लेकिन अब हम बराबरी की बात करेंगे। हम भिखारी नहीं हैं कि जो सीटें फेंकी जाएं, हम उन्हें उठा लें।’ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी विचारधारा के स्तर पर बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ी है और राहुल गांधी को मुसलमानों का समर्थन इसलिए मिला है क्योंकि वह अकेले मैदान में डटे हुए हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
मऊ से सपा सांसद राजीव राय ने कुछ दिन पहले इमरान मसूद पर बयान देते हुए कहा था कि उनकी ‘अनर्गल बयानबाजी’ से इंडिया गठबंधन को नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मसूद न तो कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं, न ही गठबंधन के और ऐसे बयान देना गठबंधन को तोड़ने की बीजेपी की रणनीति को मदद करता है।