किसानों को राजधानी के बाहर रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने खर्च किये 7 करोड़, सदन में हुआ खुलासा

दिल्ली के बॉर्डरों पर एक साल से ज्यादा वक्त से डटे किसानों ने आज से घर लौटना शुरू कर दिया है. जिसके चलते उन्होंने सारे तंबू उखाड़ लिए गए हैं. प्रदर्शनकारी अपना सामान बांधकर ट्रकों पर लाद चुके हैं. सिंघु बॉर्डर पर बनाया गया करीब 40 फुट चौड़ा और 100 फुट लंबा किसान मोर्चा का पंडाल भी हटा लिया गया है. इन किसानों को राजधानी की सीमाओं पर रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सरकारी कोष से पानी की तरह पैसा बहा दिया. सदन में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली पुलिस ने सात करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च कर दिए.

सदन में हुआ खुलासा

जानकारी के मुताबिक, सात करोड़ रुपए किसान आंदोलन के ऊपर खर्च कर डाले जाने की बात यूं ही आसानी से सामने नहीं आ गई है. इसके लिए बाकायदा देश के सदन में सवाल उठाया गया था. राज्यसभा में इस बाबत सांसद एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने सवाल किया था. पूछा था कि वर्ष 2020 से अब तक दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन में कितने किसानों की मौत हुई?

सवालों का जबाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “पुलिस ने किसानों के विभिन्न धरना प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा मुहैया कराने में दिल्ली पुलिस ने खर्चे का ब्योरा मंत्रालय को उपलब्ध कराया है. जिसके मुताबिक दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन शुरू होने से लेकर 20 नवंबर 2021 तक 7 करोड़ 38 लाख 42 हजार 914 रुपए खर्च किए हैं.”

इतने पैसे खर्च करने के बाद भी हुआ था खूनी तांडव

हालाँकि यह अलग बात है कि इतनी मोटी रकम खर्च करने के बाद भी दिल्ली की सड़कों पर मगर, किसानों की ट्रैक्टर रैली में पहुंचे कुछ हुड़दंगियों-असामाजिक तत्वों ने जी-भर के मनमानी कर ही ली. 7 करोड़ से ज्यादा रकम खर्च करने के बाद भी मगर, सरकारी मशीनरी 26 जनवरी 2021 को दिन-दहाड़े दिल्ली की सड़कों पर और लाल किला परिसर में हुए खूनी तांडव को होने से नहीं बचा सकी.

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