अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में देरी और तारीख आगे बढ़ाने से संतों का आक्रोश अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. राम मंदिर निर्माण के पक्षकार महंत धर्मदास ने पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वो सभी सांसदों से बात करके महाभियोग लाकर सीजेआई को हटाकर इस पद पर किसी दूसरे को नियुक्त करें, ताकि राम मंदिर निर्माण पर जल्द से जल्द फैसला हो सके.
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सरकार के फैसले पर विपक्ष करता है विरोध
महंत धर्मदास ने कहा कि हमने देश के पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी भेजकर उनसे कहा है कि वो सभी सांसदों को विश्वास में लेकर महभियोग लाकर CJI को हटाए और दूसरे जज की नियुक्ति का प्रयास करें. ताकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर जल्द से जल्द फैसला हो सके. इस दौरान उन्होंने सभी पार्टियों पर राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर गम्भीर नहीं है. एक सरकार चाहती है कि कोई फैसला हो जाए, तो विपक्ष नहीं होने देता. पिछले दिनों ये देखने को भी मिला जब कपिल सिब्बल ने इस मामले में अडंगा लगाते हुए कहा की इस पर चुनाव के बाद सुनवाई हो.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को केस में दिलचस्पी नहीं
राम मंदिर निर्माण के पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस केस में कोई दिलचस्पी नहीं है. इसलिए इस पर वो कोई ठोस कदम नहीं उठाएंगे. महंत धर्मदास का दावा है कि जब सीजेआई ने राम मंदिर मामले की फाइल देखी तो उन्होंने फाइल किनारे रखते हुए कहा कि सुनवाई की आवश्यकता नहीं है. उनके आचरण से ये साफ था कि राम मंदिर निर्माण के फैसले पर उनको कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले की जल्द से जल्द निपटाने के लिए सीजेआई से अपील की. सभी पक्षकार दूर-दूर से सुप्रीम कोर्ट इसलिए आए, ताकि जल्द से जल्द मामला सुलझ जाए लेकिन उन्होंने हमारी बात को अनदेखा कर दिया. जिससे ये साफ है कि आगे भी इस मामले को लटका देंगे.
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