पुलवामा अटैक: भारत से दुश्‍मनी पर ‘लाल’ हुए टमाटर, किसानों ने कहा- भले ही टमाटर सड़ जाएं पर पाकिस्तान नहीं भेजेंगे

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले से पूरा देश आक्रोश और गुस्से में हैं. पुलवामा अटैक के चलते भारत सरकार द्वारा मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा छिनने के बाद भारत ने पाकिस्तान को दूसरा झटका तब दिया, जब भारत ने पाकिस्तान निर्यात किए जाने वाले सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दी. इस एक्शन के बाद अब पाकिस्तान को भारत की तरफ से निर्यातित उत्पादों पर पहले से ज्यादा टैक्स देना होगा. पुलवामा में पाकिस्तान की कायरना हरकत से सरकार के साथ देश के किसानों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है.


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पाकिस्‍तान में आसमान छू रहा टमाटर का भाव

मध्य प्रदेश के झाबुआ के किसानों ने अपना टमाटर पाकिस्तान को भेजने से साफ इंकार कर दिया है. अब आलम ये है कि पाकिस्तान में टमाटरों की कीमत ‘लाल’ हो चली है. भारत में टमाटर की कीमत से आप वाकिफ होंगे. लेकिन, क्या आप पाकिस्तान में टमाटरों की कीमत को जानते हैं. दरअसल, पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान निर्यात किए जाने वाले सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दी. वहीं, देश के कई किसानों ने टमाटर पाकिस्तान निर्यात करने से मना कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान के लाहौर में टमाटर 180 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. टमाटर के बढ़ते दामों की वजह भारत-पाकिस्‍तान के रिश्‍तों में पड़ी खटास है और पाकिस्तान को भारत से दुश्‍मनी अब काफी मंहगी पड़ने लगी है. क्योंकि, अब तक टमाटर भारत से निर्यात करते थे.


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किसानों ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब

एक तरफ भारत ने बेसिक कस्टम ड्यूटी बढ़ाई तो दूसरी तरफ देश के किसानों ने भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. पुलवामा हमले के बाद वे सरकार की सख्ती के साथ खड़े हैं. हालांकि, किसानों को अपने इस फैसले से काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन, देश हित में किसान इस नुकसान को उठाने के लिए भी तैयार हैं. झाबुआ के किसानों ने मोदी सरकार से अपील की है कि क्षेत्र के टमाटरों को बेचने के लिए खाड़ी देशों या अन्य जगह पर नए बाजार को खोज की जाए. बता दें कि साल 2017 में भी दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के चलते आपूर्ति बंद कर दी गयी थी. जिसके बाद लाहौर और पंजाब प्रांत के कुछ हिस्सों में टमाटर की कीमत बढ़कर 300 रुपये किलो के स्तर पर जा पहुंची थी.


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