मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) द्वारा संचालित गोरक्ष इन्क्लेव ग्रुप हाउसिंग योजना के अंतर्गत 70 आवंटियों को बढ़ी हुई लागत पर राहत देने के लिए एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति उन आवंटियों की शिकायतों पर विचार करेगी, जिन्होंने अप्रत्याशित लागत वृद्धि और जीएसटी दर में बदलाव को लेकर आपत्ति जताई थी।गोरक्ष इन्क्लेव ग्रुप हाउसिंग योजना के अंतर्गत जिन लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए थे, उन्हें पहले से तय कीमत से अधिक राशि चुकाने का नोटिस दिया गया। आवंटियों का कहना है कि निर्धारित लागत में अनुचित वृद्धि की गई है, जिससे उन पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है। इसके अलावा, जीएसटी दरों में बदलाव का प्रभाव भी सीधे तौर पर उनके भुगतान पर पड़ा है।
समिति की भूमिका और जिम्मेदारियाँ
गठित आठ सदस्यीय समिति का कार्य होगा:
बढ़ी हुई लागत के कारणों का मूल्यांकन करना – यह जांच की जाएगी कि लागत वृद्धि वैध है या किसी प्रशासनिक त्रुटि के कारण हुई है।
आवंटियों की शिकायतों पर विचार करना – उनकी आपत्तियों को सुनकर संभावित समाधान सुझाना।
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जीएसटी दर में हुए बदलाव का विश्लेषण करना – यह देखा जाएगा कि जीएसटी की संशोधित दरें सही तरीके से लागू की गई हैं या नहीं।
आर्थिक राहत के उपायों की सिफारिश करना – यदि लागत में वृद्धि अनावश्यक पाई जाती है, तो उसकी भरपाई के लिए समाधान सुझाना।
समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही संबंधित अधिकारियों को सौंपेगी, जिसके आधार पर GDA द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आवंटियों को उम्मीद है कि इस समिति के माध्यम से उन्हें कुछ आर्थिक राहत मिल सकेगी और अतिरिक्त भुगतान का बोझ कम होगा।
गोरक्ष इन्क्लेव ग्रुप हाउसिंग योजना के आवंटियों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए समिति का गठन एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। यदि समिति निष्पक्ष रूप से जांच कर उचित समाधान प्रस्तुत करती है, तो यह आवंटियों के लिए राहत भरा निर्णय साबित हो सकता है।
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