देश के प्रत्येक 10 में से 9 घरों में एलपीजी सिलिंडर पहुंच चुका है. चार वर्ष पहले यह आंकड़ा प्रत्येक 10 घरों में महज 5 का था. यानी, केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से एलपीजी के इस्तेमाल में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने का अभियान छेड़ा है. इसी वजह से इतने कम समय में यह आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिल रहा है. उज्जवला योजना की वेबसाइट के मुताबिक, योजना के तहत 5 करोड़ कनेक्शन बांटे जा चुके हैं.
उज्ज्वला योजना का कमाल
पेट्रोलियम मंत्रालय की मदद से सरकारी तेल कंपनियां अप्रैल 2015 से लेकर अब तक 10 करोड़ नए कन्ज्यूमर्स जोड़ चुकी हैं. इसके साथ ही, उनके ग्राहकों की संख्या में दो-तिहाई वृद्धि हो चुकी है. यही वजह है कि अक्टूबर 2018 के आखिर तक देशभर के 89 प्रतिशत घरों में एलपीजी गैस पहुंच गया जो 1 अप्रैल 2015 तक महज 56.2 प्रतिशत था.
ग्रामीण इलाकों में अब भी बड़ी संभावना
दरअसल, उज्ज्वला योजना के तहत तेल कंपनियों को संभावित ग्राहकों पर फोकस करने का लक्ष्य दिया गया और इसके लिए कनेक्शन लेने की प्रक्रिया आसान बना दी गई. वहीं, नए कनेक्शन पर सब्सिडी मिलने से गरीब परिवारों को इसे अपनाने में मदद मिली. हालांकि, ग्रामीण इलाकों में अब भी बहुत संभावनाएं बची हैं क्योंकि अब भी कुल कन्ज्यूमर के आधे (करीब 13.6 करोड़) शहरों के हैं.
करीब 25 करोड़ ऐक्टिव कन्ज्यूमर्स
देश में अभी कुल 24.9 करोड़ ऐक्टिव कन्ज्यूमर हैं जिनमें 22.9 करोड़ को सब्सिडी मिलती है. कुल कन्ज्यूमर्स में आधे के पास ही दो-दो सिलिंडर हैं. यही कारण है कि नए कन्ज्यूमर्स पारंपरिक ईंधन को नहीं छोड़ पाते. तेल कंपनियां सिलिंडर पहुंचाने की व्यवस्था लगातार सुधार रही हैं, लेकिन इसकी रफ्तार कन्ज्यूमर बेस में वृद्धि के मुकाबले कम है.
लिस्ट में ये राज्य फिसड्डी
पूरे देश में सबसे ज्यादा कवरेज रेशियो गोवा (139%) का है. उसके बाद तेलंगाना, पुदुचेरी, केरल और मिजोरम जैसे राज्यों में भी 100 प्रतिशत से ज्यादा का कवरेज रेशियो है. जिन बड़े राज्यों में एलपीजी कवरेज रेशियो अच्छा नहीं है, उनमें झारखंड (65.4%), बिहार (67%) और ओडिशा (66.9%) शामिल हैं. गुजरात भी 66.6% के कमजोर आंकड़े के साथ इस लिस्ट में शामिल है. लेकिन, इसकी वजह यह है कि गुजरात में पाइप वाले नैचरल गैस कनेक्शन का जाल पहले से ही बिछा है.
किस इलाके की कैसी हालत?
इलाका-दर-इलाका आकलन करें तो देश में सबसे ज्यादा उत्तरी राज्यों में 99.9 प्रतिशत एलपीजी कवरेज रेशियो है. इनमें 136 प्रतिशत कवरेज के सथ पंजाब और 126 प्रतिशत कवरेज के साथ दिल्ली टॉप पर हैं. चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में एलपीजी कनेक्शन बढ़कर दोगुना हो चुका है. वहीं, उत्तर प्रदेश में 89.7 प्रतिशत और राजस्थान में 85.4 प्रतिशत नए कनेक्शन बांटे गए हैं. इसी तरह, दक्षिणी राज्यों में यह आंकड़ा 99.7 प्रतिशत जबकि पश्चिमी राज्यों में 81.9 प्रतिशत है. वहीं, 74.6 प्रतिशत के कवरेज रेशियो के साथ पूर्वी राज्य निचले पायदान पर हैं. हालांकि, वहां इन चार वर्षों में बड़ा परिवर्तन आया है. उधर, उत्तरी-पूर्वी राज्यों में 80 प्रतिशत से कम का कवरेज रेशियो है.
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