पश्चिम बंगाल के मालदा (Malda) जिले में हुई हिंसा के बाद राहत शिविरों में लोगों से मिलने राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) की अध्यक्ष विजया राहटकर (Vijaya Rahatkar) पहुंचीं। उन्होंने शनिवार को मुर्शिदाबाद (Murshidabad) का दौरा कर हिंसा प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उनकी टीम ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों की स्थिति की समीक्षा की और विशेष रूप से महिलाओं से अत्याचारों को लेकर फीडबैक भी लिया है।
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— Vijaya Rahatkar (@VijayaRahatkar) April 19, 2025
महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि समाज को महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा, “संवेदनशीलता ही महिलाओं को न्याय दिला सकती है। ऐसी हिंसक घटनाएं तभी होती हैं जब समाज में संवेदनशीलता की कमी होती है।”
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तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
महिला आयोग ने हिंसा की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जिसमें स्वयं आयोग की अध्यक्ष भी शामिल हैं। यह समिति तीन दिनों तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न की जांच कर रही है। राहटकर ने पहले दिन की रिपोर्ट में कहा कि हिंसा के दौरान महिलाओं पर विशेष रूप से अत्याचार किए गए, जिससे कई महिलाएं अब भी डर में हैं।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी पहुंचे
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी मालदा जिले के पार लालपुर राहत शिविर का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि सभी शिकायतों पर सक्रिय कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल ने बताया कि महिलाओं ने उन्हें बताया कि उन्हें धमकाया गया, उनके घरों में घुसकर मारपीट की गई और अपशब्द कहे गए।
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कानून-व्यवस्था की निगरानी करेगी हाई कोर्ट
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती बनाए रखने का आदेश दिया है ताकि शांति बनी रहे। अदालत ने हिंसा प्रभावित लोगों के पुनर्वास की निगरानी का जिम्मा भी खुद लिया है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को भड़काऊ भाषण न देने की सख्त हिदायत दी गई है।
मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम ने भी मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान टीम ने हालात का जायजा लिया और पीड़ितों से मुलाकात कर रिपोर्ट तैयार करी है।