Hariyali Amavasya 2022: सावन महीने की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. सावन महीने की हरियाली अमावस्या का वेद पुराणों और हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन शिव जी की पूजा पितृ के रूप में करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस बार सावन महीने की की हरियाली अमावस्या 28 जुलाई को है. आइए जानते हैं इस दिन पितरों के आत्मा की शांति और घर में सुख शांति बनी रहे इसके लिए क्या करें.
आज गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है. दोनों देवों को पीले फूल, अक्षत्, चंदन, हल्दी, धूप, दीप, पंचामृत, तुलसी के पत्ते आदि अर्पित करते हैं. इस दिन बेसन के लड्डू, गुड़ और चने की दाल का भोग लगाया जाता है. जिनकी कुंडली में बृहस्पति का दोष होता है, उन लोगों को गुरुवार के दिन हल्दी, घी, गुड़, पीले वस्त्र, पीतल के बर्तन आदि का दान किसी गरीब ब्राह्मण को करना चाहिए. ऐसा करने से ग्रह दोष दूर होता है और देव की कृपा होती है. गुरुवार के दिन केले के पौधे की पूजा करनी चाहिए क्योंकि उसमें भगवान विष्णु का वास माना जाता है. आइए पंचांग से जानें आजे का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी होगी आज ग्रहों की चाल.
हरियाली अमावस्या शुभ संयोग
ज्योतिषियों की मानें तो इस साल हरियाली अमावस्या पर तीन तरह के राजयोग बन रहे हैं. इस दिन शश, रुचक और हंस राजयोग का निर्माण होने वाला है. ये तीनों ही योग न्याय देव शनि, ग्रहों के सेनापति मंगल और देवगुरु बृहस्पति के संयोग से बनते हैं. इसके अलावा, गुरु-पुष्य योग भी हरियाली अमावस्या की शोभा बढ़ाने आ रहा है. मांगलिक या शुभ कार्य करने के लिए यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है.
सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय
हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव का पूजा करने से पितृ दोष में शांति मिलती है साथ ही शनि ग्रह भी कष्ट देना कम करते हैं. इसके अलावा हरियाली अमावस्या के दिन घर में पितृ शांति के लिए पितृ सूक्त गीता पाठ, गरुण पुराण, गजेंद्र मोक्ष इत्यादि का पाठ करना चाहिए. संभव हो तो इस दिन आटे का दीपक बनाकर दीप दान करना चाहिए जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सुख की प्राप्ति होती है. स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन ब्राह्मण को अन्न दान करने से सभी संकट से छुटकारा मिलता है. साथ ही सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. हनुमान जी और लक्ष्मी जी का पूजा करने से स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है लक्ष्मी का सदुपयोग होता है. कोई गलत कार्य बीमारी इत्यादि पर खर्च नहीं होता है. साथ ही इस दिन वृक्षारोपण करने से ग्रह दोष शांत होते हैं.
पितृ दोष से मिलती है मुक्ति
हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को याद किया जाता है. कुंडली में पितृ दोष होने से जीवन में बहुत बाधाएं आती हैं और मांगलिक कार्यो विधिवत तरीके से नहीं हो पाता. इसलिए उनके कल्याण के लिए पितृ तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म, अन्न-दान ,वस्त्र दान किया जाता है. पितृ देव अमावस्या तिथि के मालिक हैं इसलिए इस दिन किए गए दान से पितरों को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कुंडली में पितृ दोष को भी शांति मिलती है. जिससे सुख समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.
28 जुलाई 2022 का पंचांग
आज की तिथि – श्रावण अमावस्या अमावस्या
आज का करण – चतुष्पाद
आज का नक्षत्र – पुनर्वसु
आज का योग – वज्र
आज का पक्ष – कृष्ण
आज का वार – गुरुवार
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय – 06:08:00 AM
सूर्यास्त – 07:23:00 PM
चन्द्रोदय – चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त – 19:19:59
चन्द्र राशि– कर्क
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत – 1944 शुभकृत
विक्रम सम्वत – 2079
काली सम्वत – 5123
दिन काल – 13:35:06
मास अमांत – आषाढ़
मास पूर्णिमांत – श्रावण
शुभ समय – 12:00:14 से 12:54:34 तक
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त– 10:11:33 से 11:05:53 तक, 15:37:36 से 16:31:56 तक
कुलिक– 10:11:33 से 11:05:53 तक
कंटक– 15:37:36 से 16:31:56 तक
राहु काल– 14:25 to 16:04 तक
कालवेला/अर्द्धयाम– 17:26:17 से 18:20:37 तक
यमघण्ट– 06:34:11 से 07:28:31 तक
यमगण्ड– 05:39:50 से 07:21:44 तक
गुलिक काल– 09:27 to 11:06 तक
Also Read: Ear Care Tips: कॉटन से इयरवैक्स साफ करना पड़ सकता है आपको महंगा, जानें इसका सही तरीका
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )