उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो आतंकियों के मिलने के बाद शिव नगरी काशी में प्रशासन सतर्क हो गया है। आतंकियों के पास से कुकर बम, बम बनाने के उपकरण, विस्फोटक व असलहे बरामद हुए हैं। जिसके चलते अब प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया है। दरअसल, इसकी वजह है कि वाराणसी कई बार पहले भी कई बम धमाके देख चुकी है। अब सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से पूरे शहर पर निगरानी की जा रही है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया ये
जानकारी के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि कमिश्नरेट क्षेत्र पहले से हाई-अलर्ट है। लखनऊ में एटीएस की कार्रवाई के बाद यहां और सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। शहर में सभी होटलों और गेस्ट हाउस में औचक निरीक्षण, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी रखने को कहा गया है। सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से पूरे शहर पर निगरानी की जा रही है। ताकि किसी तरह की कोई दुर्घटना न होने पाए। काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा पहले से ही हाईअलर्ट है। अब आसपास के क्षेत्रों के अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाटों, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। 15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के पहले लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यहां और अधिक सतर्कता है।
कई हमले देख चुका है शहर
-23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट पर धमाका हुआ था। इसमें सात लोगों की मौत हुई थी।
– 7 मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन में आतंकी धमाका हुआ। इन दोनों धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी।
– 23 नवंबर 2007 को वाराणसी कचहरी में ब्लास्ट हुआ था। घटना में वाराणसी में नौ लोगों की मौत हुई थी।
– 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर धमाका हुआ था। इसमें 2 लोगों की मौत हुई थी।
दो आतंकी हुए गिरफ्तार
जानकारी देते हुए एडीजी ने बताया कि अलकायदा के अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े दो आतंकवादियों (मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन) को गिरफ्तार किया है। मिन्हाज अहमद के घर से विस्फोटक बरामद किए गए हैं। एडीजी ने बताया कि वे आतंकियों को रिमांड मे लेकर पूछताछ की जाएगी। आतंकियों के साथियों की तलाश जारी है। आतंकियों के कुछ साथी कानपुर में भी छिपे हुए हैं। आतंकी गतिविधियां पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पेशावर, क्वेटा से चलाई जा रही हैं। गतिविधियों को अंजाम देने के लिए, मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। लखनऊ, कानपुर में उनके साथी भी शामिल थे।
इसके साथ ही एडीजी ने ये भी बताया कि धमाके की योजना बनाने में सिराज अहमद का बेटा मिन्हाज अहमद जोकि रिंग रोड का रहने वाला है और अमीनुद्दीन का बेटा मसीरुद्दीन मुख्य भूमिका निभा रहे थे। इस आतंकवादी गिरोह में लखनऊ, कानपुर के इनके अन्य साथी भी शामिल हैं। इन सबके द्वारा उत्तर प्रदेश में मुख्यतः लखनऊ में कभी भी आतंकवादी घटना की जा सकती थी। जानकारी मिलने के बाद गंभीरता को देखते हुए आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा टीमों का गठन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
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