हिंदुस्तान विभाजन के विलेन मोहम्मद अली जिन्ना का महिमामंडन कर भाजपा समेत कई दलों के निशाने पर आए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को फिर से इतिहास की किताबें पढ़नी चाहिए. अखिलेश ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार पर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने जिन्ना विवाद पर भी चुप्पी तोड़ी.
बता दें कि अखिलेश ने हरदोई में एक बयान दिया था जिस पर काफी विवाद हो रहा है. अखिलेश ने जिन्ना की तुलना सरदार पटेल से कर दी थी. अखिलेश ने भारत की आजादी में जिन्ना की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बराबर का महापुरुष बता डाला. बकौल अखिलेश मोहम्मद अली जिन्ना की विचारधारा वही थी, जो गांधी और सरदार की थी.
बयान पर कायम, इतिहास पढ़ें लोग: अखिलेश
अखिलेश के इस बयान को लेकर जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि उन्होंने ये बयान किस संदर्भ में दिया था? इस पर अखिलेश ने कहा, “मुझे संदर्भ क्यों क्लियर करना चाहिए? मैं चाहता हूं कि लोग फिर से इतिहास की किताबें पढ़ें.” सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो उनके बयान की आलोचना कर रहे उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं. अगर जिन्ना को लेकर कही गई उनकी बात को समझना है इतिहास पढ़ने की जरूरत है.
क्या था अखिलेश का बयान?
गौरतलब है कि बीते रविवार को सरदार पटेल की 146वीं जयंती के अवसर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरदोई में एक जनसभा में कथित तौर पर कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने तथा उन्होंने भारत को आजादी दिलाने में मदद की और संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटे.
योगी ने बोला था हमला
अखिलेश के इस बयान के बाद बीजेपी उन पर हमलावर है. सीएम योगी आदित्यना ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा था, “समाजवादी पार्टी प्रमुख ने जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल से की. यह शर्मनाक है. यह तालिबानी मानसिकता है जो देश को बांटने में विश्वास रखती है. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया है.”
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