उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला एवं बाल अपराधों पर नियंत्रण के लिए लगातार हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ कानपुर पुलिस (Kanpur Police) सरकार की कोशिशों पर पानी फेरने का काम कर रही है। सोमवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में बाल एवं महिला अपराधों से जुड़े कई डॉक्यूमेंट्स कूड़ेदान में पड़े मिले।
2 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
वहीं, जब मीडिया ने इस मामले से पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार को अवगत कराया तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर डॉक्यूमेंट्स कूड़ेदार से बाहर निकलवाए और जांच के आदेश दिए। शुरुआती जांच के आधार पर सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) से जुड़े 2 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस आयुक्त डॉ. आरके स्वर्णकार सोमवार को कार्यालय का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान मीडिया कर्मियों की निगाह डीसीपी पश्चिम कार्यालय के सामने रखे कूड़ेदान में पड़े दस्तावेजों पर गई। दस्तावेजों के बीच कई ऐसे लिफाफे दिखाई दिए जो खोले ही नहीं गए थे।
ये सभी गोपनीय लिफाफे दुष्कर्म मामलों में थानों से पुलिस आयुक्त कार्यालय में संबंधित शाखा को भेजे गए थे। वहीं, जब पुलिस कमिश्नर उधर से गुजरे तो मीडियाकर्मियों ने उन्हें इससे अवगत कराया। इसके बाद उन्होंने कूड़ेदान के पास जाकर देखा और सभी दस्तावेज बाहर निकलवाए। कूड़ेदान में जो दस्तावेज थे उसमें कई गोपनीय लिफाफे थे, जिन्हें खोलकर देखा तक नहीं गया था कि उनमें किस तरह की रिपोर्ट है।
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पुलिस आयुक्त ने संयुक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी और डीसीपी मुख्यालय तेज स्वरूप सिंह को मौके पर बुलाया और जांच के आदेश दिए। पुलिस आयुक्त ने बताया कि जांच की जा रही है और जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।