कानपुर (Kanpur) के सीसामऊ से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ( Irfan Solanki) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ रंगदारी और जमीन कब्जा मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ कर रही है।
जमीन कब्जा और रंगदारी के आरोप
यह मामला कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र (Jajmau Police Station Area) के दुर्गा विहार निवासी विमल कुमार द्वारा 25 दिसंबर 2022 को दर्ज कराए गए मुकदमे से जुड़ा है। मुकदमे में इरफान सोलंकी के साथ बिल्डर हाजी वसी, शाहिद लारी और कमर आलम के खिलाफ मारपीट, रंगदारी, धमकी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे। वादी का आरोप था कि उसकी जाजमऊ स्थित एक हजार वर्ग मीटर जमीन पर जबरन कब्जा किया गया।
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फर्जीवाड़े और केडीए जमीन का विवाद
वादी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने जमीन पर कब्जा करने के दौरान फर्जी हाईकोर्ट आदेश और आरटीआई का सहारा लिया। उन्होंने दावा किया कि केडीए की 77 सौ वर्ग मीटर की जमीन को गलत तरीके से बेचने का प्रयास किया गया, जबकि वास्तविक जमीन वादी की थी। इस पूरे विवाद में जमीन के असली मालिक और वादी के बीच सिविल मुकदमा भी चल रहा था।
पूर्व विधायक के वकील की दलील
इरफान सोलंकी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में दलील दी कि वादी जिस जमीन का दावा कर रहा है, वह जमीन वादी की नहीं है। उनका कहना था कि यह राजनीतिक रंजिश के चलते पूर्व विधायक पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सोलंकी पर चल रही मुकदमे की पूरी कार्यवाही पर रोक लगा दी।