सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि आशीष मिश्रा सिर्फ निचली अदालत की कार्यवाही में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश जाएं, अन्यथा किसी अन्य मामलों में राज्य में प्रवेश न करें।
सुनवाई की अगली तारिख 14 मार्च निर्धारित
पीठ ने उन्हें अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर राज्य (यूपी) छोड़ने का निर्देश दिया और उन्हें एनसीआर-दिल्ली में भी नहीं रहने के लिए कहा। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अभियुक्त या परिवार द्वारा गवाहों को किसी भी तरह की धमकी देने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी और आशीष मिश्रा को अपने ठिकाने के बारे में अदालत को सूचित करना होगा। पीठ ने सुनवाई की अगली तिथि 14 मार्च निर्धारित की है।
शीर्ष अदालत ने ये भी फैसला किया किया कि वह लखीमपुर खीरी मुकदमे की निगरानी करेगा। ट्रायल कोर्ट से हर सुनवाई की तारीख के बाद रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। मामले में हत्या के आरोप में क्रॉस एफआईआर के मामले में जेल में बंद चार आरोपियों को भी अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को आशीष मिश्रा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान जमानत याचिका का विरोध
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह एक गंभीर और जघन्य अपराध है और जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।
जमानत याचिका का विरोध करने वालों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक साजिश और एक सुनियोजित हत्या है। मैं इसे चार्जशीट से दिखाऊंगा। वह एक शक्तिशाली व्यक्ति का बेटा है, जिसका प्रतिनिधित्व एक शक्तिशाली वकील कर रहे हैं।
ये है पूरा मामला
बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में 4 किसानों की एसयूवी से कुचलने से मौत हो गई थी, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई।
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पिछले साल 6 दिसंबर को एक निचली अदालत ने प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के मामले में हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों के लिए आशीष मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे, जिससे सुनवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया था। आशीष मिश्रा सहित कुल 13 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147 और 148 के तहत दंगा, 149, 302, 307, 326, 427 और 120 बी और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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