समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर जिले से गठबंधन प्रत्याशी आजम खान ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला है. जिले की तहसील बिलासपुर क्षेत्र में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए आजम ने सीएम योगी को 302 का मुजरिम, हत्यारा और दरिंदा तक बोल डाला.
जनसभा में आजम खान ने कहा- ‘जौहर यूनिवर्सिटी के बच्चों के पानी की टंकी का कनेक्शन काट दिया. योगी जी तुमने अपने धर्म को शर्मिंदा और कलंकित कर दिया. उत्तर प्रदेश की कुर्सी पर बैठा शख्स 302 का मुजरिम है. यादव कॉन्स्टेबल का हत्यारा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर लगा 302 का मुक़दमा वापस ले लिया. ये कहां का इंसाफ है? मेरे ऊपर कलेक्टर और एसपी ने मुक़दमे कायम कर दिए. रोज 3-4 मुक़दमे कायम हैं. मुझे मारने के लिए कौन सी साजिश नही हुई. दुनिया में कौन इंसान इतना नीच और दरिंदा होगा, जो बच्चे का कान पकड़ कर उठा लेगा. अरे दरिंदों हम बद्दुआ देते हैं, तुम्हारे घरों में अपाहिज पैदा हों. कुदरत तुम्हारे इस अजीम गुनाह की अजीम सजा दे’.
पीएम मोदी को बताया झूठा बादशाह
आजम खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा- ‘मोदी जी, आपने हिन्दू और मुसलमानों के बीच दीवारें खड़ी कर दीं. आपके पास पाकिस्तान और मुसलमान के अलावा कोई नारा नहीं है. मुसलमानों के लिए हिंदू भाइयों के दिलों में नफरत का जहर घोल रहे हैं. मोदी जी ये क्या कर रहे हैं आप? नौजवानों को ताकत दीजिये. झूठे वादों से उन्हें आज़ादी दीजिये. बादशाह झूठा नही होता और झूठा बादशाह नही होता’.
अमर सिंह और जया प्रदा पर बोला हमला
इशारो-इशारो में अमर सिंह और जया प्रदा के ऊपर तंज कस्ते हुए आजम ने कहा- ‘बिस्तर पर लेटा शख्स कहता है मेरे सामने पड़ जाए तो मैं गोली मार दूंगा. क्या चाहते हो? मेरा अंत चाहते हो. तुम मारो मुझे, लेकिन परदेसी से क्यों मरवाते हो मुझे. 17 साल पहले मैं लाया था. उंगली पकड़ कर रामपुर की गलियों में मैने चलाया था. मैंने पहचान कराई थी और किसी का कांधा नहीं लगने दिया था. तुम्हें पहचानने में 17 साल लगे. मैं 17 दिन में पहचान गया. मैं दानव हूं, मेरा अंत करने आये हैं’.
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दलितों और पिछड़ो को उकसाया
अपने भाषण के दौरान आजम ने दलितों और पिछड़ों से एक हो जाने की अपील की. उन्होंने कहा- ‘लोगों उठो, मेरी दुनिया के गरीबों को जगा दो. दलितों और पिछड़ों एक हो जाओ. 70 साल के बाद तुम्हें ये मौका मिला है. दिल्ली के लाल किले पर झंडा तुम्हारे बिना नहीं फहराया जा सकता. पहली बार तुम्हें ये हक मिला है. हिंदुस्तान के बादशाह के सर पर ताज उस वक्त तक नहीं रखा जा सकता, जब तक तुम अपने हाथ उसके साथ न मिला दो’.
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