लखनऊ (Lucknow) में 10 सितंबर को सपा कार्यालय (Samajwadi Party Office) के बाहर खुद को आग लगाने वाले योगेंद्र गोस्वामी (उर्फ बॉबी) की सोमवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। 80 प्रतिशत झुलसने के बाद उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया था, जहां छह दिन तक इलाज चलने के बाद उनकी हालत गंभीर बनी रही।
पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
योगेंद्र की बहन समा परवीन ने बताया कि उनके साथ दो महीने पहले एक कारखाने में छेड़छाड़ हुई थी। पुलिस में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। सपा के पूर्व विधायक के प्रभाव के चलते न्याय नहीं मिल पाया, इसलिए योगेंद्र न्याय दिलाने के लिए अखिलेश यादव से मिलने सपा कार्यालय पहुंचा था।
धमकियों से था परेशान
योगेंद्र ने बताया था कि मोहल्ले के तीन भाइयों से छह लाख रुपए उधार लिए थे, जो लौटाए नहीं जा रहे थे। पैसे मांगने पर गाली-गलौज और धमकियां मिलती थीं। अलीगढ़ पुलिस में शिकायत के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत परेशान था।
पुलिस जांच में खुलासा
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि योगेंद्र को 26 साल पहले नूर बानो ने गोद लिया था। नूर बानो के बेटे गुड्डू और बेटी समा पर आरोप है कि उन्होंने योगेंद्र को आत्मदाह के लिए उकसाया। इसी आधार पर उनके खिलाफ आत्मदाह के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
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सीसीटीवी रिकॉर्ड गायब
रेपोर्ट्स के अनुसार,छेड़छाड़ की घटना का सीसीटीवी फुटेज डिलीट कर दिया गया है। थाने में भी मामले को दबाने की कोशिश की गई। इस मामले ने इलाके में भारी गुस्सा फैला दिया है और लोग आरोपियों की सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की जांच जारी
गौतमपल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर रत्नेश सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। योगेंद्र की मौत से इलाके में न्याय की आवाज बुलंद हो गई है।