प्रयागराज महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) को लेकर पूरी दुनिया की निगाहें प्रयागराज पर टिकी हैं। गूगल सर्च में भी महाकुंभ ट्रेंड कर रहा है। यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि विश्वभर के लोगों के लिए आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है। पहली बार, 73 देशों के 116 राजनयिक (116 Delegates) संगम में स्नान करने के लिए महाकुंभ पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि रूस और यूक्रेन जैसे परस्पर विरोधी माने जाने वाले देशों के राजदूत भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे।
अरेल घाट पर होगा भव्य स्वागत
1 फरवरी को 73 देशों से आए राजनयिकों का अरेल घाट पर भव्य स्वागत किया जाएगा। यहां वे अपने-अपने देशों के ध्वज को फहराएंगे और फिर संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके बाद ये डेलीगेट्स अक्षयवट, सरस्वती कूप और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन करेंगे। इससे पहले 2019 के कुंभ में भी 73 देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया गया था।
इन देशों के राजनयिक होंगे शामिल
मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि इस बार जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन, बांग्लादेश, जर्मनी, आर्मेनिया, स्लोवेनिया, हंगरी, बेलारूस, सेशल्स, मंगोलिया, कजाकिस्तान, ऑस्ट्रिया, पेरू, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, अल सल्वाडोर, चेक रिपब्लिक, बुल्गारिया, जॉर्डन, जमैका, इरिट्रिया, फिनलैंड, ट्यूनीशिया, फ्रांस, एस्टोनिया, ब्राजील, सूरीनाम, जिंबाब्वे, मलेशिया, माल्टा, भूटान, लेसोथो, स्लोवाक, न्यूजीलैंड, कंबोडिया, किर्गिस्तान, चिली, साइप्रस, क्यूबा, नेपाल, रोमानिया, वेनेजुएला, अंगोला, गुयाना, फिजी, कोलंबिया, सीरिया, गिनी, म्यांमार, सोमालिया, इटली, बोत्सवाना, पराग्वे, आइसलैंड, लातविया, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, थाईलैंड, पोलैंड और बोलिविया से विशेष अतिथि महाकुंभ में भाग लेने आ रहे हैं।
विश्वस्तरीय आयोजन का साक्षी बनेगा प्रयागराज
महाकुंभ 2025 एक वैश्विक आयोजन बनने जा रहा है, जिसमें दुनियाभर से आने वाले प्रतिनिधि भारत की सनातन संस्कृति और अध्यात्म की भव्यता को देखेंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा यूपी सरकार को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सभी राजनयिक संगम स्नान के साथ ही बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट के दर्शन करना चाहते हैं। प्रयागराज प्रशासन इस आयोजन को ऐतिहासिक और भव्य बनाने में जुटा हुआ है।
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