भारत देश में मुस्लिमों के सबसे बड़े सामाजिक संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मदरसों को आतंकवाद का अड्डा बताए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए गुरुवार को कहा कि मुसलमान बेहतरीन चरित्र का प्रदर्शन करके मदरसों पर लगे दागों को धो डालें. मौलाना मदनी ने यहां जमीयत के एक कार्यक्रम में कहा कि आज मुल्क में मदरसों पर तरह-तरह के आरोप लगाकर उन पर हमले किए जा रहे हैं. यह बेहद निंदनीय और चिंतनीय है. उन्होंने कहा कि मुल्क की आजादी से लेकर उसे सजाने संवारने तक में मदरसों का बहुत बड़ा योगदान रहा है और उन्हें आतंकवाद का अड्डा बताया जाना उनकी तौहीन है. यह ऐसा वक्त है जब मुसलमानों को बेहतरीन चरित्र दिखाते हुए मदरसों के साथ साथ मुस्लिम कौम पर लग रहे आरोपों को धो देना चाहिए.
मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं: वसीम रिजवी
जमीअत अध्यक्ष ने कहा कि मदरसों के प्रबंधन को चाहिए कि वह प्रशासनिक अधिकारियों को अपने यहां बाकायदा न्योता देकर बुलाए और उन्हें अपनी पूरी कार्यप्रणाली के बारे में बताएं ताकि समाज में यह व्यापक संदेश दिया जा सके कि मदरसे राष्ट्र निर्माण में किस कदर योगदान कर रहे हैं. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा था कि देश के मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. लिहाजा प्राइमरी स्तर तक के सभी मदरसों को बंद कर दिया जाए.
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मुस्लिमों से संविधान को कोई खतरा नहीं
मौलाना मदनी ने मुल्क के सियासी सूरते हाल का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदुस्तान एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. भाजपा ने मुसलमानों के साथ-साथ संविधान को भी बहुत नुकसान पहुंचाया है. कांग्रेस ने मुसलमानों को नुकसान जरूर पहुंचाया है, लेकिन उससे संविधान को कभी कोई खतरा नहीं पैदा हुआ. भाजपा ने तमाम संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया है और लोकतंत्र को भी कमजोर करने की भरसक कोशिश कर रही है. मौलाना मदनी ने आह्वान किया कि हिंदुस्तान के हर जिम्मेदार नागरिक का यह दायित्व है कि अगले लोकसभा चुनाव में ऐसी विघटनकारी ताकतों को सत्ता से बेदखल कर दें.
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