लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की लखनऊ स्थित मुख्यालय में बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई, जिसमें पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों के साथ संगठनात्मक रणनीतियों पर चर्चा की। हालांकि, इस बैठक में मायावती के भतीजे आकाश आनंद की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कासन के बाद पार्टी में वापसी, फिर भी बैठक से दूरी
कुछ ही दिन पहले मायावती ने आकाश आनंद का पार्टी से निष्कासन खत्म कर दिया था, जिससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें बसपा में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। लेकिन, उनकी अनुपस्थिति से पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं।
सुरक्षा घटाई गई
बसपा में वापसी के ठीक अगले दिन केंद्र सरकार ने आकाश आनंद को दी गई वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली। मार्च 2024 में उन्हें पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद यह सुरक्षा दी गई थी। अब गृह मंत्रालय ने नई समीक्षा कर इसे हटा दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या यह फैसला सिर्फ सुरक्षा से जुड़ा है या इसके पीछे कोई राजनीतिक संदेश छिपा है?
संगठन की मजबूती और जनाधार विस्तार
इस बैठक में मायावती ने संगठन के जमीनी ढांचे की समीक्षा करते हुए पदाधिकारियों को आगामी कार्ययोजना के लिए दिशा-निर्देश दिए। बैठक का मकसद प्रदेश में पार्टी के जनाधार को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए तैयारी को धार देना था।
तीसरे नेशनल कोऑर्डिनेटर की चर्चा
फिलहाल पार्टी में दो नेशनल कोऑर्डिनेटर कार्यरत हैं, लेकिन आकाश आनंद की वापसी के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि उन्हें तीसरे राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनकी गैरहाज़िरी ने इस संभावना को फिलहाल टाल दिया है।
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