मायावती को मिला ‘चुनावी मुद्दा’, भाजपा को पड़ेगा भारी

सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण के ताजा फैसले को बसपा सुप्रीमो चुनावी मुद्दा बना सकती हैं। बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को कहा था कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण पर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का कुछ हद तक स्वागत है। मायावती ने कहा था कि न्यायालय ने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और केन्द्र एवं राज्य सरकारों से इसे लागू करने को कहा गया है।

 

बसपा नेता ने बताया- महत्वपूर्ण हैं मुद्दा

 

मायावती ने कहा कि राज्यों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है कि वे पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्र करें, जैसा 2006 में था। उन्होंने कहा कि राज्यों को यह फैसला सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।

 

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वहीं, बसपा के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है। वह इसे संसद के भीतर और बाहर उठाती रही है। प्रमोशन में आरक्षण निश्चित तौर पर चुनावी मुद्दा बनेगा।

 

पार्टी नेताओं को मिलेगा निर्देश- बनाया जाए चुनावी मुद्दा

 

मायावती ने कहा कि राज्यों और केन्द्र को स्वतंत्रता दी गयी है कि वे इसे लागू करें या नहीं। पार्टी का मानना है कि अधिकांश राज्य सरकारें इसकी अनदेखी करने को तरजीह देंगी। बसपा का पूरा प्रयास होगा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित ना किया जा सके।

 

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मायावती ने मंगलवार को मांग की थी कि केन्द्र राज्यों को पत्र लिखे और कहे कि फैसले का ईमानदारी से क्रियान्वयन हो और इस फैसले को सकारात्मक रूप में लिया जाए। बसपा नेता ने गुरुवार को कहा कि मायावती संभवत: जल्द ही पार्टी नेताओं को निर्देश देगी कि इसे प्रमुख चुनावी मुददा बनाया जाए।

 

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