CBI के बाद अब मोदी सरकार RBI पर नकेल कसने की तैयारी में है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और मोदी सरकार के बीच चल रही तनातनी अभी खत्म नहीं हुई है. मोदी सरकार अब आरबीआई पर सेक्शन 7 लगाने की तैयारी में है. अगर सरकार रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया पर सेक्शन 7 लागू कर देती है तो ये इतिहास में पहली बार सरकार द्वारा उठाया गया कदम होगा. आज तक किसी भी सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 के सेक्शन 7 का इस्तेमाल नहीं किया.17 सालों से अनावरण के इंतजार में कपड़े से लिपटी है देश की पहली महिला PM इंदिरा गांधी की मूर्ती
लेकिन हाल ही में सरकार और आरबीआई के बेच जो हालात हैं उन्हें देख कर ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार इस कदम के बारे में विचार कर रही है. सरकार के आरबीआई की इस अनबन का नतीजा धारा 7 का लागू होना हो सकता है.
गौरतलब है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के साथ सरकार की बढ़ती तल्खी के बाद भी अब तक सरकार ने सेक्शन 7 का इस्तेमाल नहीं किया था. लेकिन अब सरकार के सामने मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने, बैंकों एवं कारोबारियों पर दबाव कम करने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने की बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 के सेक्शन 7 का उपयोग किया जा सकता है. सेक्शन 7 लागू करने को लेकर सरकार तीन विभिन्न मुद्दों पर मशविरा करने के दौरान आरबीआई के सामने सेक्शन 7 का जिक्र किए जाने के साफ़ सन्देश मिलते हैं.
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गौरतलब है कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी में चल रहे घमासान के बाद अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सरकार के खिलाफ मुखर होती दिख रही है. रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारीयों ने आरोप लगाया है कि सरकार बैंक के कामकाज में दखल दे रही है. इतना ही नहीं इसके लिए सरकार को चेताया है कि ऐसा न हुआ तो इसके बुरे नतीजे देखने को मिल सकते हैं.
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