गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद कई जिलों के नाम बदले गए है. योगी सरकार के इस काम से विपक्ष ने उन पर निशाना भी साधा था. जैसे मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन रख दिया गया. फिर इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया. यदि सब कुछ ठीक रहा तो बनारस के एक रेलवे स्टेशन का नाम भी बदल जाएगा. बता दें कि इस स्टेशन का नाम बदलने के लिए सीएम योगी ने प्रस्ताव भेजा है.
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भौतिक विकास के लिए तरस रही काशी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्षों से काशी भौतिक विकास के लिए तरस रही थी. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के सांसद चुने जाने के बाद इसकी शुरूआत हुई. पिछले महीने हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में दुनिया के लोगों ने काशी की आध्यात्मिकता और वैचारिकता को देखा है. प्रयागराज कुंभ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा- ‘आस्थाओं का सम्मान कैसे होता है, कुंभ मेले में सबने यह देखा है. साढ़े 400 साल बाद श्रद्धालुओं ने अक्षय वट का दर्शन किया. काशी और प्रयागराज की नैसर्गिक पहचान को कायम रखते हुए विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं’.
बनारस नाम पर होगा स्टेशन
औढ़े की सभा में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि जिले में वाराणसी, काशी और सिटी स्टेशन है. लेकिन बनारस के नाम पर कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. जन आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बनारस करने का प्रस्ताव भेजें.
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