मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी नेता और जेडीयू (JDU)के एमएलसी (MLC) गुलाम गौस (Ghulam Gaus) सोमवार, 31 मार्च को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से राबड़ी आवास पर मिले। इस मुलाकात ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है। गुलाम गौस ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह मुलाकात ईद के मौके पर हुई और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखा जाए।
ईद का संदेश
गुलाम गौस ने कहा कि ईद हमेशा आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देती है। उन्होंने आगे कहा कि “चाहे होली हो या दशहरा, हम हमेशा मिलकर त्योहार मनाते हैं। रमजान और रोजे का मतलब केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि अपने इंद्रियों पर नियंत्रण पाना है, और यही असली जिहाद है।” गुलाम गौस ने इस दौरान स्पष्ट किया कि आजकल लोग जिहाद का गलत मतलब निकालते हैं।
राजनीति में मतभेद, लेकिन मनभेद नहीं
गुलाम गौस ने यह भी कहा कि वे और लालू प्रसाद यादव जेपी आंदोलन से जुड़े हुए लोग हैं और एक ही परिवार से निकले हुए हैं। उन्होंने राजनीति में मतभेद की बात तो स्वीकार की, लेकिन इसे मनभेद से अलग बताया। उन्होंने कहा कि “हमलोग एक साथ राजनीति करते आए हैं और ईद के मौके पर लालू जी से मुलाकात की है। इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।”
वक्फ बोर्ड संशोधन पर सवालों का नहीं दिया जवाब
विपक्षी पार्टी द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन के विरोध के बीच, गुलाम गौस से इस पर सवाल पूछा गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने इसे सिर्फ एक साधारण मुलाकात बताया और कहा कि “ये सब बात छोड़िए।”
अमित शाह के बिहार दौरे के बाद बढ़ी सियासी गतिविधि
गुलाम गौस की लालू यादव से मुलाकात को विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार एनडीए नेताओं के साथ बैठक की थी। शाह ने बिहार एनडीए को आगामी चुनाव की तैयारी में एकजुट रहने का निर्देश दिया था। गुलाम गौस की मुलाकात के बाद, इस बैठक को और अधिक सियासी दृष्टि से महत्व दिया जा रहा है।