उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने एक बार फिर से ब्राम्हण कार्ड खेला है। इस बार पार्टी ने इसे ब्राह्मण सम्मेलन (Brahmin Sammelan) की बजाए प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी का नाम दिया है। यानी सियासत वही है, लेकिन अंदाज नया है। इसकी शुरुआत अयोध्या से की गई है, जहां बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) पहुंचे। यहां उन्होंने राम मंदिर से लेकर ब्राह्मण समाज तक कई अहम बिंदुओं पर बयान दिया। उन्होंने यह तक कह डाला कि जिस तरह यूपी में ब्राह्मणों का एनकाउंटर किया गया, उसका बदला लेने का वक्त आ गया है।
जिस सम्मेलन के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव अयोध्या पहुंचे हैं, उसका ऐलान हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया था। मायावती ने कहा था कि पूरे यूपी में 23 जुलाई से ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, इस ब्राह्मण सम्मेलन का नाम बदलकर प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी कर दिया गया है। इसी मिशन का आगाज करने शुक्रवार को सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंचे। यहां उनके कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। राम लला के दर्शन के अलावा उन्होंने सरयू तट पर आरती में हिस्सा लिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यहां आज जैसे शंखनाद कर शुरुआत हुई है, अगर ब्राह्मण साथ आया तो हमारी सरकार बनेगी और हमारी सरकार बनी तो राम का भव्य मंदिर हमारी सरकार में बनेगा। सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि पहले हमने ब्राह्मणों से पूछा कि हाशिये पर क्यों हैं, ब्राह्मण अगर 13 प्रतिशत एक साथ आएगा, तभी ब्राह्मण सत्ता की चाबी पाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर 13 प्रतिशत ब्राह्मण और 23 प्रतिशत दलित मिलकर भाईचारा कायम कर लें तो सरकार बनाने से कोई रोक नहीं सकता। ब्राह्मणों के बीच की जाति और उपजाति की दीवार खत्म करनी होगी। सब उपजातियों को छोड़कर जब हम खुद को ब्राह्मण समझेंगे तभी ताकत बनेंगे। ब्राह्मण समाज के बहाने बीजेपी को घेरते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लिए क्या किया ये बीजेपी से पूछा जाना चाहिए।
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सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मायावती जी ने हाथ में गणेश की मूर्ति लेकर नया नारा दिया था- हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है। मायावती जी ने 15 ब्राह्मण को मंत्री बनाया था, 35 को चेयरमैन बनाया था, 15 को MLC बनाया था, 2200 ब्राह्मण समाज के वकीलों को सरकारी वकील बनाया, पहला चीफ सीक्रेटरी बनाया। जबकि बीजेपी में ब्राह्मण को गुलदस्ता भेंट करने के लिये रखा गया, शो केस की तरह रखा गया है। सतीश चंद्र ने कहा कि हम दिखावे की पंडिताई नहीं करते, हम जन्म से ब्राह्मण हैं।
बता दें कि अयोध्या के बाद 24 व 25 जुलाई को अंबेडकरनगर, 26 को प्रयागराज, 27 को कौशांबी, 28 को प्रतापगढ़ और 29 को सुल्तानपुर में सम्मेलन होगा। बसपा को उम्मीद है कि वर्तमान परिस्थितियों में ब्राह्मण समाज को साथ लाकर यूपी में में 2007 का इतिहास दुहराया जा सकता है, लेकिन पार्टी की तरफ से इस बार एक बड़ा बदलाव किया गया है। इस बार पार्टी ने इसे ब्राह्मण सम्मेलन की बजाए प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी का नाम दिया है।
यानी सियासत वही है लेकिन अंदाज नया है। गौरतलब है कि बसपा ने 2007 में ब्राह्मण समाज को साथ लेकर सूबे की सियासत में पहली बार सोशल इंजीनियरिंग जैसी शब्दवली प्रचलित की थी जिसके परिणाम से यूपी में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी।
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