भारत की राजधानी दिल्ली से सटा यूपी का जिला नोएडा, जहां पर सेक्टर-58 स्थित पार्क में नमाज़ पढ़ने पर लगी रोक के बाद उठे विवाद के मद्देनजर शुक्रवार को पुलिस अलर्ट पर है. किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए पुलिस, मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार लोगों से व्हाट्सएप्प ग्रुप के जरिये संपर्क में है. पुलिस द्वारा उन लोगों से सहयोग की अपील भी की गई है. इस बीच शुक्रवार देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना के मद्देनज़र नोएडा प्राधिकरण ने एहतियातन कदम उठाते हुए पूरे पार्क में पानी भरवा दिया है. जिससे यहां पर किसी तरह का धार्मिक आयोजन और नमाज़ न हो सकें.
सुलझ रहा है नमाज़ पर विवाद, मौलवी ने की अपील
नोएडा के सेक्टर-58 पार्क में नमाज़ पढ़ने को लेकर जारी विवाद अब सुलझता नज़र आ रहा है. इस पार्क में नमाज़ पढ़ाने वाले मौलवी नोमान अख्तर ने भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना पुलिस की इजाज़त के वो नमाज़ के पक्ष में नहीं हैं. इस मामले में नोमान अख्तर को हिरासत में भी लिया गया था. यूपी के अल्पसंख्यक आयोग ने भी बिना इजाज़त नमाज़ न पढ़ने देने के पुलिस के फैसले को सही ठहराया है. शु्क्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए सुबह से ही सेक्टर-58 के बी-ब्लॉक पार्क के पास पुलिस तैनात है. कोई अवांछित घटना न हो इसके मद्देनज़र नोएडा प्राधिकरण ने भी पार्क में पानी भर दिया है.
हालांकि नमाज़ पढ़ाने वाले मौलवी नोमान अख्तर के बयान के बाद मामला अब सुलझता नज़र आ रहा है. मौलवी नोमान अख्तर ने अपील भी की है कि कोई भी पार्क में न जाए और जहां जगह मिल सके वहां नमाज़ पढ़ ले.
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नमाज़ मामले पर जारी हुआ था कंपनियों को नोटिस
आपको बता दें कि नोएडा में नमाज़ पर रोक का मामला काफी ज्यादा विवादों में आ गया था. सेक्टर-58 थाने के प्रभारी ने वहां की कंपनियों को नोटिस भी जारी किया था कि माहौल न बिगड़ने देने के लिए कर्मचारियों को पार्क में नमाज़ पढ़ने से रोका जाए. नोटिस में कहा गया था कि अगर सार्वजनिक स्थान पर नमाज़ पढ़ी गई तो इसकी जिम्मेदार संबंधित कंपनी होगी.
हालांकि, इसके बाद प्रशासन की तरफ से साफ किया गया कि इसकी जिम्मेदार कंपनी नहीं होगी. पुलिस का कहना है कि नमाज़ पढ़ने से आपत्ति नहीं है बल्कि इसकी इजाज़त लेना ज़रूरी है.
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पुलिस के साथ यूपी अल्पसंख्यक आयोग
यूपी के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने पार्क में नमाज़ पढ़ने पर लगाई रोक को सही ठहराते हुए कहा- ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने रोक लगाई है. सर्वोच्च अदालत ने सार्वजनिक स्थल पर धार्मिक कार्यक्रम करने पर मनाही का आदेश दिया था. नमाज़ पढ़ने से पहले आपको इजाज़त लेनी चाहिए थी. नमाज़ पढ़ने के लिए पार्क ही जगह नहीं है. प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल न बिगड़े, यह हमारी खुद की भी जिम्मेदारी है’.
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मायावती ने कहा था योगी की नीति सभी धर्मों में लागू हो
आपको बता दें कि यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कहा था कि नोएडा पुलिस द्वारा मुस्लिमों को एक सार्वजनिक पार्क में नमाज़ अदा करने से रोकने का आदेश ‘भेदभावपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना’ है और इसका मकसद 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार की विफलताओं को छिपाना है. मायावती ने कहा- ‘अगर योगी सरकार के पास कोई भी नीति है, जो सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक कार्यक्रम को रोकती है तो इसे पूरे राज्य में लागू करना चाहिए और सभी धर्मों के लोगों पर यह लागू होनी चाहिए’. मायावती ने कहा- ‘अगर सेक्टर-58 के सामुदायिक पार्क में साल 2013 से नमाज़ अदा की जा रही है तो इसे लोकसभा चुनावों से पहले अब क्यों रोका जा रहा है? ऐसे में भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह धार्मिक भेदभाव में लिप्त है’. इससे पहले नोएडा के पार्क में नमाज़ पर रोक के खिलाफ AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थे. ओवैसी ने ट्वीट किया था कि एक तरफ तो यूपी पुलिस हेलिकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसाती है और दूसरी तरफ हफ्ते में एक नमाज़ को अमन और चैन के लिए खतरा बताती है.
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