मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर । प्यार और साथ की अनोखी मिसाल पेश करते हुए, एक बुजुर्ग दंपति ने जिंदगी की अंतिम यात्रा भी साथ ही तय की। पत्नी की मौत की खबर सुनते ही बुजुर्ग पति ने भी प्राण त्याग दिए। बुधवार को दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया, जिसे देखकर हर कोई भावुक हो गया।
68 वर्षों का अटूट साथ, कुछ घंटों का फासला
गोला क्षेत्र के ग्राम पंचायत पाण्डेपार उर्फ डड़वा निवासी लालबचन यादव (85) और उनकी पत्नी सोनमती देवी (82) पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। मंगलवार की रात सोनमती देवी का निधन हो गया। घरवालों ने बीमारी के चलते लालबचन को यह खबर नहीं दी और उन्हें बरामदे में बनी कोठरी में सुला दिया।
पत्नी के जाने की खबर सुनते ही छोड़ दी दुनिया
बुधवार सुबह जब रिश्तेदारों की भीड़ घर पर बढ़ने लगी, तो लालबचन ने अपनी बेटी उषा से इसका कारण पूछा। जब पुत्री ने उन्हें मां के निधन की जानकारी दी, तो वह मौन हो गए। कुछ ही देर बाद उन्होंने भी अंतिम सांस ले ली।
शव यात्रा के बीच रुकी यात्रा, फिर एक साथ विदाई
इसी दौरान परिजन सोनमती देवी का शव लेकर गोला स्थित मुक्ति धाम के लिए रवाना हो चुके थे। शव यात्रा जब डड़वापार चौराहे पर पहुंची, तभी लालबचन के निधन की खबर मिली। इसके बाद शव यात्रा रोककर परिजन वापस घर लौटे। आवश्यक तैयारियों के बाद दोनों शवों को एक साथ मुक्ति धाम ले जाया गया, जहां बड़े बेटे राजनाथ उर्फ राजू ने मुखाग्नि दी।
क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी यह मार्मिक घटना
68 वर्षों तक साथ निभाने वाले इस दंपति की एक साथ विदाई ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। यह भावनात्मक घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। लालबचन यादव का भरा-पूरा परिवार है, लेकिन माता-पिता की एक साथ विदाई ने सभी की आंखें नम कर दीं।
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