उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के जिला कार्यालय को खाली कराने को लेकर बड़ा हंगामा खड़ा हो गया है। नगरपालिका की इस कार्रवाई की सूचना मिलते ही 200 से अधिक सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए, जिसके बाद अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
कार्यालय बना छावनी, ड्रोन से निगरानी शुरू
स्थिति को बिगड़ता देख प्रशासन ने इलाके को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया। मौके पर पांच थानों की फोर्स, करीब 200 पुलिसकर्मी, 50 प्रशासनिक अधिकारी और PAC की एक कंपनी तैनात की गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है, साथ ही वाटर कैनन और दमकल वाहन भी बुला लिए गए हैं।
क्यों हो रहा है विवाद?
दरअसल, सपा कार्यालय नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (EO) के सरकारी आवास में वर्षों से संचालित हो रहा था। वर्ष 2005 में इसे डेढ़ सौ रुपये मासिक किराए पर पार्टी को आवंटित किया गया था। हालांकि, 12 नवंबर 2020 को यह आवंटन रद्द कर दिया गया। नगर पालिका का तर्क है कि यह आवंटन नियमित प्रक्रिया के तहत नहीं किया गया था।पूर्व सपा जिलाध्यक्ष आनंद सिंह यादव ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन 1 दिसंबर 2020 को उन्होंने इसे स्वेच्छा से वापस ले लिया। इसके बाद वर्ष 2021 में पार्टी ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में मामला दर्ज कराया, जो अब भी विचाराधीन है।
नगरपालिका की दलील
पालिका प्रशासन का कहना है कि अदालत की ओर से अभी तक कोई अंतरिम रोक नहीं मिली है, इसलिए कब्जा हटाने की कार्रवाई कानून सम्मत है। तीन दिन पहले कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा किया गया था, जिसमें 10 जून तक भवन खाली करने का आदेश दिया गया था। निर्धारित समय तक कार्यालय खाली न होने पर यह कदम उठाया गया।
सपा का आरोप
वहीं, सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह ‘जग्गा’ ने इस कार्रवाई को असंवैधानिक करार दिया है। उनका कहना है कि पालिका प्रशासन सत्तारूढ़ दल के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने डीएम और एसपी से मिलकर विरोध दर्ज कराया और कहा कि जब मामला सिविल कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक कार्यालय खाली कराना गलत है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वे नियमित रूप से किराया दे रहे हैं और भवन की देखभाल भी कर रहे हैं। नोटिस की बाबत उन्होंने कहा कि उन्हें रविवार तक कोई नोटिस नहीं मिला, और रात 8:30 बजे 6 जून का नोटिस चस्पा किया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
सपा का ऐलान
जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह ने दो टूक कहा कि यदि प्रशासन ने जबरन कार्यालय खाली कराने की कोशिश की, तो पार्टी सड़क से लेकर अदालत तक विरोध करेगी। उनका कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई न्याय के खिलाफ है।