भारतीय सेना के लिए बनेगी विशेष तरह के कपड़े की वर्दी, बेअसर होगा पत्थरों और चाकू का वार

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद भारतीय सेना के जवानों की सुरक्षा को देखते हुए वैज्ञानिकों के द्वारा विशेष तरह के कपड़े तैयार किए जा रहे हैं. जिन पर दुश्मनों के चाकू, छूरी, पत्थर आदि का वार काम नहीं कर सकेगा. ऐसे कपड़ों से बनी वर्दी पहने जवानों पर अगर पत्थर या छुरी फेंका जाएगा, तो वह फिसल जाएगा और जवानों को कोई चोट नहीं पहुंचेगी. उत्तरी भारत टेक्स्टाइल शोध संघ (एनआईटीआरए) ने इस तरह का खास कपड़ा तैयार किया है. नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन की ओर से आयोजित 58वीं संयुक्त प्रौद्योगिकी नेशनल सेमिनार में इस खास प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल के बारे में बताया गया.


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इस कपड़े का हुआ सफल परीक्षण, जाने खासियत

उत्तरी भारत टेक्स्टाइल शोध संघ (NITRA) के वैज्ञानिकों ने इस कपड़े को ‘स्टैब रेजिस्टेंट टेक्सटाइल’ का नाम दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह खास कपड़ा इतना मजबूत होगा कि उसे सामने वाला काट नहीं पाएगा. इसका परीक्षण जारी है और काफी हद तक इसमें सफलता प्राप्त हुई है. वैज्ञानिकों ने बताया कि सेना के जवानों को ऐसे वारों से बचाने के लिए यह खास तरह का कपड़ा बनाया है. यह कपड़ा कट रेजिस्टेंट होगा, जिसे पत्थरबाजी के दौरान पहने जाने वाले उपकरणों पर चढ़ा दिया जाए तो उन्हें नुकसान नहीं पहुंचेगा. ख़ास बात ये है कि यह कपड़ा पत्थर की चोट से कटता नहीं है. पिछले कुछ सालों से कश्मीर में बड़ी संख्या में अलगाववादी संगठनों द्वारा सेना पर पत्थरबाजी कराई जाती है. युवाओं को बरगला कर उन्हें भड़काया जाता है. सेना की मजबूरी होती है कि युवाओं पर फायरिंग न करें, लेकिन उन्हें चोटें लगती है. इस कपड़े से तैयार वर्दी उन्हें मदद करेगी.


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तैयार कर रहे फायरप्रूफ कपड़े, नहीं लगेगी टेंट में आग

रेगिस्तान हो या बर्फीले पर्वतीय इलाके, ऐसे स्थानों पर सेना और अर्द्धसैनिक बलों को टेंट में रहना पड़ता है. खाना बनाना-पकाना-खाना टेंट में ही होता है. जरा सी सावधानी हटते ही आग लगने की संभावना रहती है. ऐसी स्थिति के लिए उत्तरी भारत टेक्स्टाइल शोध संघ एक खास तरह के फायरप्रूफ यानि कि अग्निरोधी कपड़ा तैयार कर रहा है. इस कपड़े का टेंट बनाए जाने पर टेंट में आग नहीं लगेगी.


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