कुछ दिन पहले साइबर अपराधियों ने प्रयागराज के एडीजी प्रेम प्रकाश के नाम पर फेसबुक पर एक फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से मदद के नाम पर रुपए मांगे थे। फर्जीवाड़ा करने वालों की जानकारी मिलने पर कैंट पुलिस ने साइबर अपराध का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई थी। इस मामले में अब एक इंस्पेक्टर एडीजी के घर पर ही नोटिस लेकर पहुंच गया। विवेचक पर लापरवाही के आरोप में एडीजी ने सिविल लाइंस में तैनात इंस्पेक्टर अभय श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया। इस प्रकरण में सुपरविजन अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगी है।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में किसी ने एडीजी जोन प्रेम प्रकाश के नाम पर फेक आईडी से फेसबुक पर प्रोफाइल बनाई है। जिसमें उनसे जुड़े हुए लोगों और परिचितों को मैसेज किया जा रहा था। इसमें लिखा था कि कोरोना के कारण लॉकडाउन चल रहा है। मजदूरी करने वाले बेरोजगार लोगों की मदद के लिए अकाउंट नंबर दिया गया था। जिस पर पैसे मांगे जा रहे थे। जब इस बात की जानकारी एडीजी प्रेम प्रकाश को हुई तो 19 मार्च 2020 को कैंट थाने में साइबर अपराध की एफआईआर दर्ज कराई।
केस दर्ज करने के बाद साइबर सेल को जांच में पता चला कि असम के रहने वाले शातिर ने खेल किया। फेक आईडी होने के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। बाद में इस प्रकरण की जांच सिविल लाइन थाने में तैनात इंस्पेक्टर अभय श्रीवास्तव को दी गई। विवेचक को नकल चिट के साथ कुछ और एविडेंस भी दिए गए थे। इसमें एक प्रेम प्रकाश के नाम से आधार कार्ड भी था। आधार कार्ड फर्जी था या असली, इसकी जांच के लिए सिविल लाइंस से एक पुलिसकर्मी को गाजियाबाद भेज दिया गया।
अफसरों को मिली फटकार
बताया जा रहा है कि वह एडीजी प्रेम प्रकाश के घर का पता था। विवेचक ने बिना सत्यापन किए ही नोटिस लेकर एक सिपाही को उनके घर भेज दिया। जब इस बात की जानकारी एडीजी को हुई तो उन्होंने एसपी क्राइम को इसकी जांच का निर्देश दिया। रिपोर्ट के आधार पर एडीजी ने इंस्पेक्टर अभय कुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया। वहीं इस लापरवाही के लिए अफसरों को भी फटकार लगाई लगी है।
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