बसपा के पूर्व सांसद का आरोप, बोले- बहनजी से मिलने तक के लिए देने पड़ते हैं पैसे

लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों में नेताओं को जोड़ने और तोड़ने का सिलासिला शुरू हो गया है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान समेत पांच कार्यकर्ताओं को बहुजन समाज पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। ऐसे में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए पूर्व सांसद ने मायावती से मिलने के लिए भी पैसे देने का आरोप लगाया है।


बालकृष्ण चौहान को बाहरी बता बसपा कार्यकर्ता कर रहे विरोध

सूत्रों का कहना है कि बसपा ने अतुल राय को घोसी लोकसभा सीट पर प्रभारी बनाकर भेजा है। वह विधानसभा 2017 में गाजीपुर की जमानिया सीट से पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा को कड़ी चुनौती दी थी। लेकिन, मऊ में बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रभारी को बाहरी बता विरोध किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि विरोध का आरोप बालकृष्ण चौहान और उनके समर्थकों पर भी लग रहा था। जिसपर कार्रवाई करते हुए जिलाध्यक्ष ने पूर्व सांसद समेत पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।


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अक्सर देखने को मिला है कि बसपा में प्रभारी को ही प्रत्याशी भी बनाया जाता है, जबकि बालकृष्ण चौहान खुद भी घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के प्रयास में थे। उन्होंने कहा कि उन्हें भी नहीं पता कि वह पार्टी से निकाले गये हैं या नहीं। पांच फरवरी को हुई बैठक में अतुल राय को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया, जिससे आक्रोशित कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।


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जनाधार वाले नहीं धनाधार वाले नेता चाह रही मायावती

मायावती पर आरोप लगाते हुए कहा कि बहन जी जनाधार नहीं बल्कि धनाधार वाले नेता को चाह रही हैं। उन्होंने कहा कि बहन जी से खाली हाथ नहीं मिला जा सकता है, मिलने के लिए भी शुल्क लगेगा तब भेंट होगी। उनका कहना हैकि पार्टी के पदाधिकारी बहन जी से कहेंगे की मैंने पार्टी छोड़ दी है और मुझसे कहा जाता है कि निकाल दिए गए। जानकारी के मुताबिक, पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को तीसरी बार पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है।


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