उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा (Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat Resigns) दे दिया है. आज कई केंद्रीय नेताओं से मिलने के बाद उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब उत्तराखंड के सीएम के पद के लिए रेस शुरू हो गई है. केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, बीजेपी नेता बीजेपी नेता धन सिंह रावत जैसे तमाम नाम नाम चल रहे हैं जिनके नाम पर मुहर लग सकती है. बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान इसके लिए पहले विधायकों से चर्चा करेगी उसके बाद ही किसी नाम का ऐलान करेगी.
बता दें कि सीएम रावत से बीजेपी विधायकों के अलावा स्थानीय लोग भी काफी नाराज थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जनता की नाराजगी पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा से नहीं थी, बल्कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से थी, जिसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को ये फैसला लेना पड़ा. वहीं अब बीजेपी के लिए भीतरखाने की राजनीति और पार्टी में बगावत की बड़ी चुनौती है.
कुछ राजनीतिक जानकार त्रिवेंद्र सिंह रावत की नैय्या डूबने के पीछे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से तुलना को भी वजह मान रहे हैं. दरअसल 18 मार्च 2017 में बीजेपी ने यूपी और उत्तराखंड में प्रचंड जीत की होली खेली थी. 70 में से 57 सीटों की भारी जीत और उम्मीदों के साथ रावत ने कुर्सी संभाली थी. संयोग की बात थी कि उसके ही अगले दिन यूपी में उन योगी आदित्यनाथ ने भी में सीएम की कुर्सी संभाली, जो उनके ही गृह जनपद पौड़ी से आते हैं.
ये बात ठीक है प्रदेश अलग है, लेकिन पहले ही दिन से रावत और योगी के काम की तुलना होती रही और हो रही है. रावत पर निष्क्रिय सीएम का ठप्पा लगाने का एक काम यूपी में योगी की तेजी ने भी किया. गाहे-बगाहे यूपी में योगी की सख्त छवि और हर अच्छे काम की तुलना त्रिवेंद्र सिंह रावत से होती रही और वह अपनी अलग ही छवि में कैद होते रहे. योगी आदित्यनाथ एक ओर जहां देश के नंबर 1 सीएम बनकर उभरे वहीं रावत उनकी तुलना में कहीं ठहरते नहीं दिखे, जिसका परिणाम कि आज उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )