जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान (Pakistan)और पीओके (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। इसी बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए। बैठक शुरू होने से ठीक पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajeet Dobhal) प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। माना जा रहा है कि यह मुलाकात ऑपरेशन से जुड़े ब्योरे और अगली रणनीति पर चर्चा के लिए हुई ।
विपक्ष और सत्ता पक्ष एक मंच पर
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने अध्यक्षता की। बैठक में सरकार की ओर से अमित शाह, एस. जयशंकर, निर्मला सीतारमण और जेपी नड्डा ने प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाग लिया।अन्य प्रमुख विपक्षी नेताओं में तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, द्रमुक के टी.आर. बालू, सपा के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले, सीपीएम के जॉन ब्रिटास और जद (यू) के संजय झा शामिल रहे। चिराग पासवान और असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक में उपस्थित थे।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला
संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू ने बताया कि यह बैठक “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए बुलाई गई थी। इस ऑपरेशन के तहत मंगलवार रात भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। बहावलपुर में जैश का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर का अड्डा इस हमले का प्रमुख निशाना रहे।
पहलगाम हमले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
इन हमलों को दो सप्ताह पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इसी हमले के बाद सरकार ने 24 अप्रैल को भी एक सर्वदलीय बैठक की थी और अब “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद विपक्ष को विश्वास में लेने के लिए एक और बैठक की गई।
ऑपरेशन सिंदूर’ 2.0 की भी तैयारी?
सूत्रों के मुताबिक सरकार और सेना अगली रणनीति पर विचार कर रहे हैं, और आगे आवश्यकता पड़ी तो ऑपरेशन सिंदूर’ 2.0 के तहत फिर एयरस्ट्राइक की जा सकती हैं। वही अब भारत की रणनीति साफ है, आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और सीमा पार से आतंक को खत्म करने की ठोस तैयारी।