पिछले दिनों राजस्थान के अलवर में हुए सामूहिक दुष्कर्म कांड में पीड़िता को राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी का प्रस्ताव मिला है. पिछले दिनों खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी और सचिन पायलट मिलने पहुंचे थे और उन्होंने खुद पीड़िता के न्याय किए जाने की बात कही थी. गौरतलब है कि पीड़िता के माता-पिता भी गरीबी से जूझ रहे हैं. परिवार वाले शुरू से ही पति-पत्नी के लिए सरकारी नौकरी की डिमांड कर रहे थे.
जिसके बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने गैंगरेप पीड़िता को राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी दिए जाने का प्रस्ताव दिया था. खबरों के अनुसार इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाना था.
पीड़िता के पिता ने बताया कि ‘शनिवार को ही सरकार की एक टीम आई थी’. वहीं, जब राहुल गांधी और अशोक गहलोत पीड़िता से मिलने पहुंचे थे तो उसने खुद के लिए सरकारी नौकरी की मांग की थी. राज्य सरकार ने पीड़िता की मांग के बाद उनकी शिक्षा और पसंद के आधार पर नौकरी देने का इंतज़ाम किया है. सरकारी टीम ने पीड़िता से मुलाकात की और नौकरी की जगह के लिए उसकी प्राथमिकता और पसंद पूछी. पीड़िता और उनके ससुराल पक्ष के लोगों ने जयपुर सिटी में पोस्टिंग की मांग की. सरकार ने ये मांग स्वीकार कर ली है.
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पीड़िता के पिता बेटी को सरकारी नौकरी दिए जाने की पेशकश से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि ‘मेरी बेटी सचिवालय में काम करेगी. जयपुर में ही मेरा दामाद भी रहता है. अब दोनों साथ रहेंगे. सरकार ने ये काम बढ़िया किया है’. पिता ने ये भी कहा कि शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद सरकारी टीम ने कागज़ी कार्रवाई की और 10-15 दिन में ज्वॉइनिंग पेपर्स आने की भी संभावना है.
राजस्थान सरकार द्वारा पीड़िता को नौकरी दिए जाने से दोनों पति-पत्नी संतुष्ट हैं. पीड़िता ने कहा कि ‘मैं सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने से संतुष्ट हूं. आगे परिवार वाले जो पढ़ाई करने के लिए कहेंगे वही मैं कर लूंगी’. वहीं, पीड़िता के पति ने कहा कि ‘मुझे भी सरकार को नौकरी देनी चाहिए’. गौरतलब है कि पीड़िता ने इस मामले में न्याय न मिलने पर आत्महत्या की बात कही थी. जिसके बाद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान 15 दिन के अंदर मामले की सही से जांच कराने की बात कही थी. इसके बाद राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने जांच प्रक्रिया में तेज़ी दिखाई.
गौरतलब है कि अप्रैल महीने की 26 तारीख को अलवर जिले के थानागाज़ी इलाके में हुए इस गैंगरेप के बाद राजस्थान पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी. दुष्कर्म में लिप्त पांचों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया था. साथ ही 18 मई को इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर ली गई थी
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ये पहली बार हुआ है कि पुलिस ने किसी यूट्यूब चैनल पर भी एफआईआर की है, क्योंकि उन्होंने पीड़िता के वीडियो और फोटो दिखाए थे. इस मामले की सुनवाई आज (21 मई) को होनी है. साथ ही आरोपियों को 30 मई तक जेल में रखने के निर्देश दिए हैं.
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