रंगोत्सव” — हीरक जयंती पर सांस्कृतिक उत्सव का भव्य आयोजन

मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के ललित कला एवं संगीत विभाग द्वारा हीरक जयंती समारोह के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम “रंगोत्सव” का आयोजन किया गया। इस शानदार आयोजन में कुलपति प्रो. पूनम टंडन मुख्य अतिथि और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम की संयोजिका और विभागाध्यक्ष प्रो. उषा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत मधुलिका सिंह के एकल नृत्य से हुई, जिसमें उन्होंने अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसके बाद “आज सदाशिव खेलत होली” नामक समूह गायन ने भक्ति संगीत का रस फैलाया, जबकि सोनी के नृत्य “मोहे रंग दो लाल नंद गोपाल” ने समां बांध दिया।
विद्यार्थियों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध

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कार्यक्रम में शांतनु प्रताप सिंह और दुर्गेश शुक्ला द्वारा प्रस्तुत चैती गीत “डम डम डमरू बजाए हो बाबा भोला रंग रसिया” और समूह गायन “बारी उमरिया मोरी हो कान्हा मोसे खेलो न होरी” ने सभी को उत्साह से भर दिया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. गौरी शंकर चौहान द्वारा लिखित भोजपुरी भक्ति गीत “भोला बसेला तू हमारी नजरिया में” का पोस्टर विमोचन मुख्य अतिथि प्रो. पूनम टंडन द्वारा किया गया। इस गीत को राजन भारती ने अपनी सुरीली आवाज में गाया और हर्ष कुमार मौर्य ने संगीतबद्ध किया।

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मुख्य अतिथि प्रो. पूनम टंडन ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की संस्कृति अपनी विविधता और समृद्ध परंपराओं के कारण विश्वभर में विशिष्ट है। इस कार्यक्रम में प्रस्तुत गीतों और नृत्यों ने हमारी सांस्कृतिक विरासत की सुंदर झलक प्रस्तुत की है।”
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों में प्रियजली गुप्ता, जय, पवन, शुभम, संजना, नंदनी, कृतिका, अंतरा, कृति, हर्ष, जयेंद्र सिंह, अमन, अनिकेत, उत्कर्ष पांडेय आदि प्रमुख रहे।
कार्यक्रम में प्रो. दिव्यारानी सिंह, डॉ. गौरी शंकर चौहान, डॉ. प्रदीप साहनी, डॉ. महेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक शुक्ला, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
“रंगोत्सव” ने कला, संगीत और नृत्य के माध्यम से विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक जीवंतता को उजागर किया और सभी को अविस्मरणीय स्मृतियों से भर दिया।

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