संतकबीरनगर: सरकार एक तरफ जहां वक्फ संशोधन कानून के जरिए सरकारी संपत्तियों को चिह्नित करने का कार्य कर रही तो वहीं, संतकबीरनगर में उनके ही नौकरशाह की मिलीभगत से शहर का एक मदरसा सरकारी जमीन पर बेखौफ संचालित हो रहा है। स्थानीय लोगों एवं भाजपा नेताओं ने सोमवार को जिलाधिकारी आलोक कुमार से मिलकर इसकी शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही इस मदरसे की मान्यता और अन्य बिंदुओं की जांच कराने की मांग की है।
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मदरसे के नाम में भी किया गया है खेल
भाजपा नगर अध्यक्ष सतविंदर पाल सिंह “जज्जी” ने बताया कि खलीलाबाद शहर के अंसार टोला स्थित मदरसा अरबिया अहले सुन्नत बहरूल उलूम संचालित है। यह एक अनुदानित मदरसा है और गैर कानूनी तरीके से चल रहा है। मान्यता के समय में लगाई गई खतौनी में गाटा संख्या 420 मि. नए कानून के तहत 6(2) की भूमि है। जबकि, श्रेणी 6(2) की जमीन सरकारी जमीन होती है। यह रेलवे और सड़क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह मदरसा पोर्टल पर श्रेणी 6(2) की होने की वजह से वेबसाइट पर लॉक नहीं हुआ। इसलिए, मदरसे को किस खतौनी के आधार पर लॉक किया गया है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। उन्होंने बताया कि मदरसे के बाहर एक अलग नाम का मान्यता बोर्ड लगा है जो दारुल उलूम अहले सुन्नत बहरुल उलूम के नाम से अंकित है। जबकि मदरसे के अंदर कुछ दूसरा नाम अंकित किया गया है और मदरसे की मान्यता के कागजात में भी गड़बड़ी की गई है।
न मानक के अनुरूप कमरे और न नक्शा है पास
बताया कि इसकी शिकायत कई बार अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संतकबीरनगर से की गई लेकिन इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। सिर्फ इतना ही नहीं मदरसा उच्च स्तर का मान्यता प्राप्त है। जबकि, मदरसे में मानक के अनुरूप कमरा नहीं है और विनियमित क्षेत्र से इनका नक्शा भी स्वीकृत नहीं है। लिहाजा, इस मदरसे की जांच के लिए अलग से कमेटी गठित किया जाना जरूरी है। वहीं, जिलाधिकारी आलोक कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अलग से टीम गठित कर पूरे प्रकरण की जांच का निर्देश दिया है।