मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर । निषाद पार्टी में दस वर्षों तक कार्य करने वाले युवा नेता धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या ने सियासी हलचल मचा दी है। महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत नरकटहां में उनका शव फंदे से लटकता मिला। मृतक ने सुसाइड नोट और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी आत्महत्या का कारण पार्टी के बड़े नेताओं को बताया है।
आत्महत्या से पहले धर्मात्मा निषाद की भावनात्मक पोस्ट हो रहा वायरल
धर्मात्मा निषाद ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उन्होंने हमेशा अपनी क्षमता से बढ़कर लोगों की मदद की, जिसके कारण उनके कई राजनीतिक और सामाजिक दुश्मन बन गए। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं पर आरोप लगाते हुए लिखा कि जब उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी, तो पार्टी के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि और उनके बेटे बेचैन हो गए और उन्हें षड्यंत्र के तहत कमजोर करने लगे।
मृतक ने यह भी लिखा कि उसे कई फर्जी मुकदमों में फंसाया गया, जेल भी जाना पड़ा और उसके साथियों को प्रलोभन देकर भड़काने का प्रयास किया गया। पोस्ट में उन्होंने अपने समाज के लोगों से भी ऐसे नेताओं से सतर्क रहने की अपील की जो अपने ही समाज का शोषण कर रहे हैं।
मृतक का अंतिम संदेश
धर्मात्मा निषाद ने अपनी अंतिम पोस्ट में लिखा, *”मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया। यह मेरा आखिरी संदेश है। मुझे माफ करना मां, पत्नी अंजली, भैया, दीदी…”* इस पोस्ट के सामने आने के बाद उनके समर्थकों और परिजनों में आक्रोश फैल गया।
घटना के बाद मचा हड़कंप
घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। परिजन उन्हें फंदे से उतारकर गोरखपुर के पीपीगंज कस्बे में डॉक्टर के पास ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को घर वापस लाया गया। मृतक के बड़े भाई परमात्मा निषाद ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, पुलिस कप्तान को बुलाने की मांग
धर्मात्मा निषाद की पत्नी अंजली और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़े भाई ने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक शव नहीं उठाने देंगे। उन्होंने पुलिस कप्तान को मौके पर बुलाने की मांग भी की है।
धर्मात्मा निषाद ने दो साल पहले अपने ही गांव की सजातीय लड़की से प्रेम विवाह किया था। उनकी नौ माह की बेटी कृष्णविका है। मृतक दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटे थे।
सियासी गलियारों में हड़कंप
इस घटना के बाद निषाद पार्टी के अंदर घमासान मच गया है। पार्टी नेतृत्व की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन समर्थकों में गहरा आक्रोश है।
पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सच में धर्मात्मा निषाद को आत्महत्या के लिए उकसाया गया या फिर इसके पीछे कोई और वजह है।
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