हाल ही में दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एटीएस ने धर्मांतरण के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जिसके अंतर्गत तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया जो धर्मांतरण कराते थे। पूछताछ में अब ये बात सामने आई है कि सात कोडवर्ड के सहारे ही लोगों का धर्मांतरण किया जाता था। आरोपी मौलानाओं से पूछताछ में ATS ने धर्मांतरण के सिंडिकेट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ATS ने बताया कि सिंडिकेट के लिए मूक बधिरों का साइन लैंग्वेज बड़ा हथियार था। ATS को 7 कोडवर्ड मिले जिसमें से 6 को डिकोड करके उसका मतलब पता कर लिया गया है। आइए देखें, कौन से हैं वे कोड..
ये हैं धर्मांतरण के सात खुफिया कोड वर्ड
अल्लाह के बंदे: मूक बधिर बच्चों के लिए साइन लैंग्वेज में बने वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड किए जाते थे। अगर कोई वीडियो को लाइक करता था तो, उसको कोर्ड वर्ड में उस वीडियो के चैट बॉक्स में अल्लाह के बंदे उर्दू में लिखा संदेश मिलता था। इसके वीडियो को लाइक करने वालों से सिंडिकेट से जुड़े लोग संपर्क करते थे। हिंदू से मुस्लिम बने कानपुर के आदित्य की मां ने भी एटीएस को यही जानकारी दी थी।
बर्थडे डिजिट: धर्मांतरण के लिए चिह्नित लोगों के नाम न लिखकर उनके मोबाइल नंबर, जन्मतिथि के कुछ डिजिट से उनकी लिस्टिंग की जाती थी।
धर्म परिवर्तन को (रिवर्ट बैक टू इस्लाम प्रोग्राम) कोड वर्ड में कहते थे। नोएडा डेफ सोसायटी के जिस टीचर के माध्यम से यह गिरोह बच्चों को टारगेट कर रहा था। उसका काम ऐसे बच्चों की पहचान करना होता था, जो आसानी से इनके जाल में फंस सकें।
रहमत: जांच में पता चला कि विदेशी फंडिंग पर इसके साथ उर्दू में एक मैसेज आता था (रहमत)। यह फंडिंग के लिए इनका कोडवर्ड था।
मुतक्की: इस शब्द का प्रयोग छात्रों के लिए किया जाता था। यूपी एटीएस ने जब इस कोड को डिकोड किया तो उन्हें पता चला कि, मुतक्की वो शख्स होता है जो हक को और सच को तलाश करने वाला होता है। छात्रों को इस्लाम पढ़ाने से पहले इस तरह की भावना इसी कोड वर्ड से उनके मन मे भरी जाती थी।
सलात: इस शब्द का प्रयोग हर तकरीर में किया जाता था। यह शब्द वो व्यक्ति बार-बार प्रयोग करता था जिसको इस्लाम में धर्मांतरण कराने की जिम्मेदारी दी जाती थी। एटीएस ने जब इस कोड को ब्रेक किया तो, पता चला कि ये नमाज़ के लिए कहा जाने वाला शब्द है। इस शब्द का अर्थ -नमाज़ को नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा इस प्रथा का पालन ना करना या त्याग देना पाप होना बताया गया है।
कौम का कलंक: एटीएस को कौम का कलंक कोडवर्ड भी मिला है जिसका अभी तक मतलब नहीं पता चल पाया है। ATS इसे डिकोड करने में जुटी है।
अब तक पांच गिरफ्तार
बता दें कि हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बीते 21 जून को मौलाना जहांगीर और मौलाना उमर गौतम को ATS ने लखनऊ से पकड़ा था। इसके बाद सोमवार को यूपी ATS ने महाराष्ट्र के बीड से इरफान, दिल्ली से राहुल भोला और गुरुग्राम से मन्नू यादव से दबोचा। मौलाना उमर गौतम और जहांगीर, इरफान खान के साथ मिलकर लालच देकर धर्मांतरण करवाते थे। मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान पुत्र राजीव यादव भी मूक बधिर है। इसने ही कानपुर के आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराया था। मौलाना उमर गौतम असम के मरकज-उल-मारिफ नाम की संस्था के साथ काम कर रहा था। यह संगठन बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के लिए काम करता है।
केंद्रीय मंत्रालय में कार्यरत इरफान ख्वाजा खान गिरफ्तार
इरफान ख्वाजा खान दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेट्रेटर का कार्य करता है जिसकी वजह से उसका मूक-बधिर बच्चों से जुड़ी संस्थाओं में अच्छी पकड़ है। राहुल भोला मूक-बधिर है जो इरफान के साथ मिलकर अन्य मूक-बधिरों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था।
कतर-अबू धाबी-दुबई से IDC को फंडिंग होने के सबूत
मन्नू यादव भी मूक-बधिर है। उसी ने कानपुर के आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराकर अब्दुल्ला कादिर बनाया था। इरफान लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तरह-तरह की लालच देता था इन तीनों की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा से हुई है। एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर (Islamic Dawa Center) के बैंक खाते से करीब 1.5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। हवाला का सबूत भी मिला है, कतर-अबू धाबी-दुबई से ट्रांजैक्शन हुए हैं।
केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एटीएस उमर गौतम की संस्था आईडीसी के जरिए धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करा रही है। अभी केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं है। आगे देखा जाएगा क्या होता है।
जाकिर नाइक के करीबी का नाम भी सामने आ रहा
बिलाल फलिफ का नाम सामने आ रहा है जो जाकिर नाइक का बहुत करीबी बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के 32 जनपद में एटीएस पड़ताल कर रही है। अब तक जितने मामले सामने आ रहे हैं उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। उनके घर वाले परेशान हैं।
असम की संदिग्ध संस्था मरकज उल मारिफ से भी जुड़ा है उमर
एटीएस की छानबीन में उमर गौतम का असम की संदिग्ध संस्था मरकज उल मारिफ से भी लेन-देन सामने आया है। मरकज उल मारिफ के खिलाफ असम में टेरर फंडिंग और विदेशी मुद्रा अधिनियम के कई मामलों में केस दर्ज हैं। संस्था के बैंक खातों और उमर के बैंक खातों के बीच लेन-देन के पुख्ता प्रमाण एटीएस को मिले हैं।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )