UP: धर्मांतरण मामले में 3 और गिरफ्तार, एक आरोपी केंद्रीय मंत्रालय में करता है काम, खाड़ी देशों से फंडिग के मिले सबूत

दिल्ली से सटे गाजियाबाद में अवैध धर्मांतरण (Illegal Conversion) के मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस (UP ATS) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है. ATS ने मामले में मो. उमर गौतम और काजी जहांगीर आलम से पूछताछ के बाद सोमवार को तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार (ADG Prashant Kumar) की माने तो धर्मांतरण के तार कनाडा और कतर से भी जुड़े हैं. प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मान्तरण मामले में ATS के हत्थे चढ़े अन्य तीनों आरोपियों का नाम राहुल भोला, मन्नू यादव और इरफान खान है. इन तीनों आरोपियों ने भी पूछताछ के दौरान अपनी गैंग के काम करने के तरीके से जुड़े कई अहम रहज खोले हैं.


केंद्रीय मंत्रालय में कार्यरत इरफान ख्वाजा खान गिरफ्तार

इरफान ख्वाजा खान दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेट्रेटर का कार्य करता है जिसकी वजह से उसका मूक-बधिर बच्चों से जुड़ी संस्थाओं में अच्छी पकड़ है. राहुल भोला मूक-बधिर है जो इरफान के साथ मिलकर अन्य मूक-बधिरों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था.


कतर-अबू धाबी-दुबई से IDC को फंडिंग होने के सबूत

मन्नू यादव भी मूक-बधिर है. उसी ने कानपुर के आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराकर अब्दुल्ला कादिर बनाया था. इरफान लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए तरह-तरह की लालच देता था. इन तीनों की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा से हुई है. एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि इस्लामिक दावा सेंटर (Islamic Dawa Center) के बैंक खाते से करीब 1.5 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है. हवाला का सबूत भी मिला है, कतर-अबू धाबी-दुबई से ट्रांजैक्शन हुए हैं.


केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं

यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एटीएस उमर गौतम की संस्था आईडीसी के जरिए धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करा रही है. अभी केस एनआईए को ट्रांसफर करने जैसी कोई बात नहीं है. आगे देखा जाएगा क्या होता है.


जाकिर नाइक के करीबी का नाम भी सामने आ रहा

बिलाल फलिफ का नाम सामने आ रहा है जो जाकिर नाइक का बहुत करीबी बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के 32 जनपद में एटीएस पड़ताल कर रही है. अब तक जितने मामले सामने आ रहे हैं उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. उनके घर वाले परेशान हैं.


असम की संदिग्ध संस्था मरकज उल मारिफ से भी जुड़ा है उमर

एटीएस की छानबीन में उमर गौतम का असम की संदिग्ध संस्था मरकज उल मारिफ से भी लेन-देन सामने आया है. मरकज उल मारिफ के खिलाफ असम में टेरर फंडिंग और विदेशी मुद्रा अधिनियम के कई मामलों में केस दर्ज हैं. संस्था के बैंक खातों और उमर के बैंक खातों के बीच लेन-देन के पुख्ता प्रमाण एटीएस को मिले हैं.


धर्मांतरण कराने वालों की जांच के लिए 32 जिलों के एसपी को लिखा पत्र

एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले 1000 लोगों की जांच के लिए यूपी के 32 जिलों के एसपी को पत्र लिखा है. एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण कराने वालों वाले सभी व्यक्तियों का सत्यापन कराया जा रहा है. एटीएस ने सत्यापन के लिए पुलिस अधीक्षकों से संपर्क किया है.


उमर के बैंक खातों में मिले 50 लाख रुपए

एटीएस की छानबीन में उमर के बैंक खातों में 50 लाख रुपये मिले हैं. एटीएस अधिकारियों ने बताया कि उमर ने वर्ष 2010 में इस्लामिक दवाह सेंटर की स्थापना की थी. वो संस्था के अलावा अपने निजी और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में विदेशों से रुपए मंगाता था. उसने अपनी संस्था का ना कभी ऑडिट कराया और ना ही इनकम टैक्स जमा किया. पुलिस संस्था के खिलाफ कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स और अन्य संबंधित विभागों से पत्राचार कर रही है.


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