उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) जिले में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए जिले के एसपी ने एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस बैठक का मुख्य मकसद थानेदारों की मनमानी को रोकना था. इस मीटिंग में एसपी की नाराजगी का सामना पिसावां एसओ को ही नहीं बल्कि शहर कोतवाल से लेकर पांच थानेदारों को करना पड़ा. एसपी के तेवर देख मीटिंग में मौजूद थानेदार से लेकर सर्किल ऑफीसर तक पसीना-पसीना हो गए.
एसपी का गुस्सा देख अफसरों का छूटा पसीना
जानकारी के मुताबिक, आगामी पंचायत चुनाव के चलते सीतापुर जिले के एसपी आरपी सिंह ने पुलिस लाइंस में अपराध समीक्षा की बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में एसपी बिगड़ती कानून व्यवस्था पर थानेदारों की लापरवाही की वजह से काफी खफा थे. हाल ही में पिसवां थाना क्षेत्र में एक बड़ा मामला सामने आया था, इसके साथ ही खनन को लेकर भी कई शिकायतें एसपी को मिली थी. जिसके चलते मीटिंग के दौरान ही एसपी ने एसओ पिसावां कुंवर बहादुर सिंह को फटकारते हुए कि थाना नहीं संभाल पा रहे तो पुलिस लाइन में कर दूं. एक सप्ताह का समय है, सुधार दिखना चाहिए, नहीं तो सोचेंगे कि क्या करना है.
इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा में भी कई जगह लापरवाही के मामले सामने आने के साथ साथ मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल आईजीआरएस के मामले में भी कोतवाली पुलिस लापरवाही बरत रही है. इसको लेकर शहर कोतवाल टीपी सिंह के भी एसपी ने पेंच कसे. आईजीआरएस के मामलों को लेकर सबसे खराब स्थित लहरपुर पुलिस की है. इसको लेकर एसपी ने लहरपुर कोतवाल राय साहब द्विवेदी को जमकर फटकार लगाई.
इनकी भी लगी क्लास
इस मीटिंग में महमूदाबाद कोतवाल अनिल पांडेय, एसओ सदरपुर अवधेश यादव, एसओ रामकोट संजीत सोनकर को भी कड़ी फटकार लगाते हुए उनको चेतावनी दी गयी. इन सबसे साफ़ तौर पर कहा गया जान संवाद में किसी तरफ की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. एसपी आरपी सिंह ने कहा कि आईजीआरएस के मामलों में सीओ की भी जवाबदेही है.
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