जम्मू-कश्मीर (jammu Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इस दर्दनाक घटना के बाद देशभर से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का तीखा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “गुंडों को सबक सिखाना हमारा धर्म है।”
“अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन कुछ लोग नहीं सुधरते”
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान-“रावण का वध करना भी अहिंसा का ही कार्य है, क्योंकि वह चाहे जो कर लें, कभी नहीं बदलेगा। अर्जुन का धर्म है युद्ध करना और अधर्म का नाश करना।” pic.twitter.com/ko98nDbiJn
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) April 26, 2025
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा “अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है। हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी करो। वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो क्या करें?”
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“रावण का वध भी उसके कल्याण के लिए था”
भागवत ने अपने संबोधन में रावण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा,“रावण को अच्छा आदमी बनने के लिए जो चाहिए वो सब था, लेकिन उसने जिस शरीर, मन और बुद्धि का चुनाव किया, उससे वह अच्छा बन ही नहीं सकता था। इसका एक ही उपाय था कि उस शरीर, मन और बुद्धि को त्याग कर नया रूप धारण किया जाए। इसलिए भगवान ने उसका संहार किया। इसे हिंसा नहीं, अहिंसा ही कहते हैं।”
“राजा का कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना”
अपने बयान को आगे बढ़ाते हुए भागवत ने कहा“अहिंसा हमारा धर्म है, लेकिन गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते। लेकिन यदि कोई बार-बार बुराई पर उतर आए, तो दूसरा विकल्प क्या है? राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है। राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।”इस बयान को आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति से जोड़कर देखा जा रहा है। भागवत के इस बयान से यह संदेश साफ है कि अब देश को सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।